
गर्मी की छुट्टियों और वीकेंड पर राजधानी दून की ओर उमड़ रही भारी भीड़ अब यहां की आबोहवा के लिए खतरा बन गई है। देहरादून की वादियों में घुसते वाहनों का दबाव लगातार बढ़ रहा है और इसके साथ ही वायु प्रदूषण भी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। हाल ही में परिवहन विभाग ने ऐसे 676 वाहनों की पहचान की जो वायु प्रदूषण फैला रहे थे और उनसे करीब दो करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, वीकेंड और छुट्टियों में शहर में प्रवेश करने वाले हजारों वाहनों से निकलने वाला धुआं अब दून घाटी की हवा को जहरीला बना रहा है। इस धुएं में मौजूद कार्बन मोनो ऑक्साइड (CO) और पार्टिकुलेट मैटर (PM-10) जैसे प्रदूषक न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि आमजन की सेहत के लिए भी गंभीर खतरा बनते जा रहे हैं।
प्रदूषण की जांच में यह भी सामने आया है कि इन वाहनों से निकलने वाले धुएं में कार्बन डाइऑक्साइड, बिना जले हाइड्रोकार्बन, नाइट्रोजन ऑक्साइड, और सीसा (lead) जैसे घातक रसायनों का स्तर सामान्य से कहीं अधिक पाया गया। सप्ताहांत पर शहर के पर्यटक स्थलों जैसे मसूरी रोड, सहस्त्रधारा, राजपुर रोड और एफआरआई मार्गों पर ट्रैफिक का दबाव इतना अधिक होता है कि यहां वाहनों की लंबी कतारें आम बात हो गई हैं।
हेल्थ अलर्ट
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार सांसों के साथ यह जहरीले तत्व शरीर में प्रवेश कर रहे हैं, जिससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों की सूजन और दिल की बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति और भी चिंताजनक है।
प्रशासन की चेतावनी
परिवहन विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर समय रहते नियंत्रण नहीं पाया गया, तो और कड़े कदम उठाए जाएंगे। विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अपने वाहनों की समय-समय पर जांच करवाएं और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र अवश्य लें।
देहरादून, जो एक समय स्वच्छ और हवादार शहर के रूप में जाना जाता था, अब तेज़ी से वायु प्रदूषण की गिरफ्त में आता जा रहा है। यदि स्थिति पर तुरंत ध्यान न दिया गया, तो यह आने वाले समय में गंभीर स्वास्थ्य आपदा में बदल सकती है।