महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए जिस वक्त वोट डाले जा रहे थे, उस समय ‘बिटकॉइन’ को लेकर सियासी संग्राम छिड़ गया था। एनसीपी (शरद पवार) नेता सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख नाना पटोले पर बिटकॉइन के बदले कैश लेने और उसका इस्तेमाल चुनाव में करने का आरोप लगा है। ये आरोप पूर्व आईपीएस अफस रवींद्रनाथ पाटिल के एक दावे से शुरू हुआ।
रवींद्रनाथ पाटिल ने दावा किया था कि उनके पास इन कथित नेताओं के कुछ वॉइस क्लिप हैं, जिसमें वो चुनावी फंडिंग के लिए बिटकॉइन को एनकैशमेंट कराने की बात कर रहे हैं।
इस कथित बिटकॉइन घोटाले में ईडी और सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है। बुधवार को ईडी ने एक ऑडिट कंपनी के कर्मचारी गौरव मेहता के घर पर छापा भी मारा। ईडी ने मेहता का बयान भी दर्ज किया और उसके पास से कुछ लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस भी जब्त कर लीं। सीबीआई ने भी गौरव मेहता को पूछताछ के लिए समन भेजा है। सीबीआई ने एफआईआर भी दर्ज की है, जिसमें अमित भारद्वाज और अजय भारद्वाज को आरोपी बनाया गया है।
भारद्वाज भाइयों पर दिल्ली, पुणे समेत कई जगहों पर इन्वेस्टर्स के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में केस दर्ज है। ईडी ने महाराष्ट्र की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) के केस के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
ये सब कैसे शुरू हुआ?
साल 2018 में क्रिप्टोकरंसी फ्रॉड केस में पूर्व आईपीएस अफसर रवींद्रनाथ पाटिल को गिरफ्तार किया गया था। पाटिल ने दावा किया था कि मेहता ने उन्हें 10 वॉइस क्लिप भेजी थीं। इस क्लिप में सुप्रिया सुले, नाना पटोले, अमिताभ गुप्ता (उस वक्त के पुणे पुलिस कमिश्नर) और भाग्यश्री नवटाके (तब की डीसीपी साइबर) के बीच हुई कथित बातचीत थी।
पाटिल ने चुनाव आयोग को भी इसकी शिकायत की थी. उनका दावा है कि सुप्रिया सुले ने गौरव मेहता को तीन वॉइस नोट्स भेजे थे। इन नोट्स में सुले कथित तौर पर मेहत से बिटकॉइन को एनकैशमेंट करवाने के लिए कह रही थीं, क्योंकि चुनाव के लिए और पैसों की जरूरत थी. दावा है कि इन नोट्स में सुले ने मेहता को ये भी भरोसा दिलाया था कि उन्हें जांच के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं और एक बार वो सत्ता में आईं तो सब संभाल लेंगी।
ईमेल के जरिए चुनाव आयोग को भेजी शिकायत में पाटिल ने कहा कि वो जिन वॉइस नोट्स का दावा कर रहे हैं, उससे पता चलता है कि विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में अरबों रुपये के सैकड़ों बिटकॉइन का इस्तेमाल हुआ होगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शुरू हुई जांच
जानकारी के अनुसार, यह जांच 2023 में जारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुरू हुई। सीबीआई ने पिछले महीने गेन बिटकॉइन पोंजी स्कीम मामले से संबंधित तीन मामले दर्ज किए हैं। एजेंसी ने पिछले साल इस मामले में तीन लोगों- सिम्पी भारद्वाज, नितिन गौड़ और निखिल महाजन को गिरफ्तार किया था। एफआईआर में मुख्य आरोपी अमित भारद्वाज और अजय भारद्वाज और महेंद्र भारद्वाज का नाम है। अमित की पहले दिल का दौरा पड़ने से मौत हो चुकी है, जबकि अजय और महेंद्र अभी फरार हैं। ईडी ने कहा कि उसने पहले मामले में 69 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।
बता दें कि पहले ईडी ने आरोप लगाया था कि भारद्वाज बंधुओं ने निवेशकों को धोखा दिया और इसके आधार पर दिल्ली, पुणे और कुछ अन्य जगहों पर एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद सीबीआई की जांच शुरू हुई।
ईडी के अधिकारियों के अनुसार, एजेंसी ने बिटकॉइन पोंजी घोटाले में अपनी मनी लॉन्ड्रिंग जांच का दायरा बढ़ा दिया है। वह राजनेताओं, राजनीतिक रूप से उजागर व्यक्तियों और नौकरशाहों के साथ गौरव मेहता और कुछ अन्य लोगों के रिश्तों की जांच कर रही है।