प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वातावरण में मौजूद धूल समेत अन्य कणों के मद्देनजर पहली बार ड्रोन से पानी का छिड़काव किया है। यह छिड़काव कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में एक-एक जगह पर किया गया है। पीसीबी का दावा है कि इस तरह का प्रयास राज्य में पहली बार हुआ है।
राज्य में पीसीबी देहरादून, ऋषिकेश, काशीपुर, टिहरी, रुद्रपुर, हल्द्वानी और नैनीताल में दिवाली के मद्देनजर 24 अक्तूबर से हवा और ध्वनि की गुणवत्ता की निगरानी कर रहा है। इसके अलावा हवा की गुणवत्ता को और बेहतर करने के लिए देहरादून और काशीपुर में ड्रोन की मदद से पानी का छिड़काव किया गया।
पीसीबी के अनुसार देहरादून में आईएसबीटी, दिलाराम चौक, राजपुर, जोगीवाला, नेहरू कालोनी, बंगाली कोठी में दो- दो घंटे में पानी का छिड़काव किया गया। एक बार में ड्रोन से 11 लीटर पानी का छिड़काव किया गया। इसी तरह काशीपुर आठ से शाम पांच बजे तक राजकीय अस्पताल, छतरी चौक में छिड़काव किया गया। पीसीबी के अनुसार ऋषिकेश में इसी तरह का प्रयास होगा।
एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में सुधार से लाभ
एक्यूआई सुधार से हवा में प्रदूषकों की मात्रा घटती है, जिससे श्वसन तंत्र और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है। कम प्रदूषण का सीधा असर जीवन प्रत्याशा पर होता है, क्योंकि यह लोगों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। साफ हवा के कारण लोग लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। स्वच्छ हवा से पेड़-पौधे, जल स्रोत और मिट्टी भी कम प्रदूषित होते हैं। इससे पारिस्थितिक संतुलन बना रहता है।
ड्रोन के माध्यम से शहरों में पानी का छिड़काव किया गया है। ड्रोन में एक बार में करीब 11 लीटर पानी जा सकता था, इससे देहरादून और काशीपुर में जहां पर एक्यूआई में सुधार की जरूरत थी, वहां पर नियमित अंतराल पर पानी का छिड़काव किया गया। इससे वातावरण में डस्ट पार्टिकल समेत अन्य समस्याओं से निपटने में मदद मिली। -डॉ. पराग मधुकर धकाते, पीसीबी सदस्य सचिव।