
उत्तराखंड में विवाह पंजीकरण में आ रही दिक्कतों के समाधान के लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में अधिवक्ताओं की हड़ताल समाप्त करने और विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए निर्णय लिए गए। बैठक में सहमति बनी कि जल्द प्रदेश के सभी 13 जिलों में स्थित उप निबंधक (सब रजिस्ट्रार) कार्यालयों में विवाह और वसीयत का पंजीकरण हो सकेगा। वर्तमान में विवाह पंजीकरण की सुविधा प्रदेश के सामुदायिक सुविधा केंद्रों (सीएससी) के माध्यम से उपलब्ध है, लेकिन अब यह सुविधा उप निबंधक कार्यालयों में भी शुरू की जाएगी।
प्रदेश में लागू समान नागरिक संहिता (यूसीसी) नियमावली के तहत यह निर्णय लिया गया है। उच्च अधिकार प्राप्त समिति ने इस सिफारिश को मंजूरी दी, जो प्रदेश में विवाह पंजीकरण को अधिक सुलभ और सहज बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही, वसीयत के पंजीकरण की सुविधा भी उप निबंधक कार्यालयों में उपलब्ध कराई जाएगी।
राज्य सचिवालय में आयोजित बैठक में यूसीसी पोर्टल के माध्यम से विवाह पंजीकरण में आ रही व्यावहारिक दिक्कतों पर चर्चा की गई। समिति ने पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए पोर्टल के सरलीकरण और उसे और अधिक सुगम बनाने पर जोर दिया। खास बात यह है कि अब विवाह पंजीकरण में शादी की फोटो अपलोड करने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। इसके बजाय, दंपत्ती के आधार कार्ड से सिस्टम फोटो ले लेगा, जिससे प्रक्रिया को और सरल बनाया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, विवाह पंजीकरण के प्रमाण पत्र को अब डीजी लॉकर में उपलब्ध कराने की भी योजना बनाई गई है। इस कदम से पंजीकरण प्रमाणपत्र को अन्य सरकारी दस्तावेजों की तरह डिजिटल रूप में सुरक्षित रखा जा सकेगा और नागरिकों को उसे कहीं से भी आसानी से प्राप्त करने की सुविधा होगी। इस फैसले से प्रदेश के नागरिकों को विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया में आसानी होगी और समय की बचत होगी।