तिरुपति बालाजी के मंदिर के प्रसाद को लेकर उठे विवाद के बाद न केवल वहां की पूर्ववर्ती सरकार, बल्कि मंदिर से जुड़े लोगों पर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। तिरुपति के प्रसिद्ध लड्डू प्रसादम का इतिहास बेहद पुराना है। वावजूद इसके लड्डू में इस तरह की मिलावट की खबर ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है।
श्रद्धालुओं के विरोध के साथ-साथ इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है। भगवान को भोग एक भक्त बड़े प्रेम से चढ़ाता है। प्रसाद में मिलावट की खबर आने के बाद हर तरफ तिरुपति बालाजी मंदिर के इस लड्डू की चर्चा हो रही है। आज हम आपको बताते हैं कि देवभूमि उत्तराखंड के मंदिरों में भगवान को चढ़ाए जाने वाले और भक्तों को मिलने वाले प्रसाद में आखिरकार क्या-क्या दिया जाता है।
उत्तराखंड में केवल चारधाम मंदिर ही आस्था का केंद्र नहीं हैं, बल्कि नीब करौरी बाबा से लेकर हरिद्वार की हर की पैड़ी और अन्य मंदिरों के दर्शन करने हर साल लाखों की तादाद में श्रद्धालु भक्ति भाव के साथ आते हैं। सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय करने वाले यह श्रद्धालु अपने साथ भगवान को चढ़ाने के लिए अलग-अलग प्रकार के प्रसाद लेकर आते हैं। उत्तराखंड के चारधाम मंदिरों और तमाम मंदिरों में चढ़ने वाले प्रसाद में कोई जटिलता नहीं है। सामान्य प्रसाद से ही बाबा केदार हों या भगवान बदरीनाथ, नीब करौरी वाले बाबा हो या हरिद्वार में बह रही मां गंगा प्रसन्न हो जाती हैं। सालों से भगवान को यही प्रसाद चढ़ता आया है।
उत्तराखंड में सबसे बड़ा धार्मिक स्थल और श्रद्धा का केंद्र है, भगवान विष्णु का धाम बदरीनाथ। देश के चार धामों में से एक भगवान बदरीनाथ के मंदिर में प्रसाद भोग का अपना ही एक महत्व है। बदरीनाथ में भगवान को वन तुलसी की माला, चने की कच्ची दाल और मिश्री का प्रसाद चढ़ाया जाता है। यही प्रसाद भगवान पर चढ़ने के बाद श्रद्धालु के हाथ में दे दिया जाता है। इसके साथ ही भगवान बदरीनाथ का जिस जल से अभिषेक होता है, उस जल को भी श्रद्धालुओं को दिया जाता है। इसके साथ ही केसर भोग भगवान को लगाया जाता है। इसे स्थानीय समाज के लोग ही बनाते हैं।
इसी तरह से केदारनाथ धाम में भी एक विशेष प्रसाद चढ़ाया जाता है। केदारनाथ धाम में जो प्रसाद चढ़ाया जाता है, उसका कार्य महिला सहायता समूह को दिया गया है। बेहद शुद्ध और साफ सफाई के साथ-साथ मन से भगवान केदारनाथ के इस प्रसाद को तैयार करने वाली महिलाएं इस काम को सालों से कर रही हैं। मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय बताते हैं केदारनाथ में भगवान भोलेनाथ को चौलाई के लड्डू चढ़ाए जाते हैं। इसके साथ ही इलायची दाना भगवान के प्रसाद में शामिल है। केदारनाथ में अभिषेक करने के लिए शुद्ध गाय का दूध दिया जाता है। यह परंपरा सालों से चली आ रही है। केदारनाथ दर्शन के बाद इसी प्रसाद को भक्तों को दिया जाता है। ऑनलाइन भेजे जाने वाले प्रसाद में भी यही सब शामिल होता है।