
महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण विभाग ने बेसहारा बच्चो के कल्याण के अहम कदम उठाया है। इस संबंध में बैठक की गई, जिसमें स्टेट रिसोर्स सेंटर के लिए एक पोर्टल तैयार किए जाने की बात हुई। विभिन्न विभागों से बच्चों के आंकड़े अपलोड और एकीकृत किए जाएगे। महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण विभाग ने विभिन्न कारणों से पीड़ित और बेसहारा बच्चों के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इन बच्चों की जानकारी एक जगह एकीकृत करने के लिए 15 अप्रैल तक स्टेट रिसोर्स सेंटर का पोर्टल बनाने का निर्देश दिया है। राज्य में बाल श्रम, मानव तस्करी, बाल विवाह, पोक्सो पीड़ित, कुपोषित, एनीमिया पीड़ित, दिव्यांग, नशे के शिकार और एचआईवी या एड्स से पीड़ित बच्चों की देखभाल, सुरक्षा और पुनर्वास को लेकर स्टेट रिसोर्स सेंटर की स्थापना की गई है।
फोकस क्षेत्र
- महिलाओं से संबंधित योजनाओं/कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन में तकनीकी सहायता।
- लाइन विभागों के साथ अभिसरण।
- अनुसंधान एवं अध्ययन.
- प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण तथा जागरूकता सृजन।
- डेटा संग्रहण।
उद्देश्य
- बाल श्रम, मानव तस्करी, बाल विवाह, पोक्सो पीड़ित, कुपोषित, एनीमिया पीड़ित, दिव्यांग, नशे के शिकार और एचआईवी या एड्स से पीड़ित बच्चों की देखभाल।
- महिलाओं के लिए नीतियों, कानूनों और योजनाओं की नियमित समीक्षा, मूल्यांकन, महिला सशक्तिकरण के लिए राज्य स्तर पर पहल का समर्थन करना।
- महिला सशक्तिकरण मुद्दों पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू करना।
- महिला केन्द्रित योजनाओं (बेटी बचाओ बेटी पढाओ, वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन और लिंग संवेदीकरण) को तकनीकी सहायता प्रदान करना।
पोर्टल के लाभ – बैठक में निर्णय हुआ कि स्टेट रिसोर्स सेंटर के लिए एक पोर्टल तैयार किया जाएगा, जिसमें विभिन्न विभागों से बच्चों के आंकड़े अपलोड और एकीकृत होंगे। पोर्टल पर बच्चों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं, नीतियों, अनुसंधान कार्यों आदि की जानकारी दी जाएगी।