रामलीला और इसके किरदारों के बारे में तो आपने खूब सुना होगा, लेकिन देहरादून की पर्वतीय रामलीला सबसे हटकर है। इसकी खास बात यह है कि इस लीला में सचिवालय और विधानसभा के अधिकारी-कर्मचारी मंचन करते हैं। सुबह से शाम तक ये सभी पहले अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हैं और शाम होते ही किरदार में ढल जाते हैं।
पर्वतीय रामलीला कमेटी के संरक्षक जीवन सिंह बिष्ट सचिवालय में मुख्य सुरक्षा अधिकारी हैं। ये रामलीला में रिहर्सल से लेकर स्टेज के आगे और पीछे हर जगह की बागडोर संभालते हैं। शुरू से आखिरी तक ये रामलीला का नेतृत्व करते हैं।
सचिवालय सहायक हैं विश्वामित्र
नकुल बधानी विधानसभा में सचिवालय सहायक के पद पर कार्यरत हैं। श्रीराम के किरदार के बाद अब विश्वामित्र और कैकई का किरदार निभा रहे हैं। दून से पहले बधानी नैनीताल में सीता-लक्ष्मण का किरदार निभाते थे। उन्होंने बताया कि सुबह विधानसभा में काम कर शाम को किरदार निभाते हैं। दोनों काम एक साथ होने पर मुश्किल होती है, लेकिन प्रभु राम की कृपा से सब हो जाता है।
दस साल से निभा रहे रावण का किरदार
संदीप ढैला विधानसभा में कंम्प्यूटर असिस्टेंट के पद पर कार्यरत हैं। ये पिछले दस साल से रावण का किरदार निभा रहे हैं। यहां से पहले गांव में मंचन करते थे। बताया कि रात को देर से सोना होता है और फिर सुबह विधानसभा भी जाना होता है। एक साथ दोनों काम मुश्किल जरूर है, लेकिन प्रभु के आशीर्वाद से सब हो जाता है।
बिष्ट ताड़का के साथ मारीच का भी निभाते हैं किरदार
शेर सिंह बिष्ट मुख्यमंत्री की फ्लीट में ड्राइवर हैं। ये पिछले 14 साल से रामलीला में मंचन कर रहे हैं। बिष्ट इस बार ताड़का का किरदार निभा रहे हैं। इसके साथ ही मारीच का भी किरदार निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि काम के साथ प्रभु की लीला में रहने का अवसर मिल रहा है इससे बेहतर और क्या हो सकता है।