चीन सीमा से लगे वाइब्रेंट विलेज तक पहुंच जल्द आसान हो जाएगी, क्योंकि धारचूला और मुनस्यारी ब्लॉक में स्थित अलग-अलग गांवों में पीएमजीएसवाई पांच सड़कें बनाने जा रहा है। 43.96 किलोमीटर लंबी पांच सड़कों के निर्माण में एक अरब 19 करोड़ 44 लाख 33 हजार रुपये खर्च होंगे। जल्द ही इन सड़कों पर काम शुरू करा दिया जाएगा।
पिछले साल आम बजट में केंद्र सरकार ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की थी। केंद्र की पहल के बाद पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में 17, कनालीछीना में दो और मुनस्यारी में आठ गांवों को वाइब्रेंट विलेज घोषित किया गया था। पिथौरागढ़ और धारचूला में कई ग्रामीण केवल छह माह रहते हैं और छह माह पलायन कर निचले क्षेत्रों में चले जाते हैं। सीमांत गांवों में फिर से चहल-पहल लाने के उद्देश्य से वाइब्रेंट गांवों को सड़कों से जोड़ने की तैयारी है। पांच सड़कों के लिए पीएमजीएसवाई ने टेंडर कर दिए हैं।
ये है सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना
केंद्र सरकार वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत चयनित गांवों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना चाहती है। यहां सड़कों का निर्माण होगा। इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा। जरूरतों के हिसाब से सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट लगेंगे। संचार की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। कृषि, हॉर्टिकल्चर, औषधीय पौधे को प्रोत्साहन देने के लिए को-ऑपरेटिव सोसायटी विकसित की जाएंगी ताकि लोगों की आजीविका के साधन बढ़ सकें।
वाइब्रेंट विलेज के तहत चयनित गांवों में स्वीकृत सड़कें
स्वीकृत कार्य का नाम (किमी में) लागत (लाख रूपये में)
नाबी-रोंगकोंग मोटर मार्ग 1.025 249.68
ढाकर-तिदांग मारछा-सीपू 10.01 2637.84
ढाकर-गो-खिमलिंग रोड 23.20 6425.03
मनस्यारी-मिलम से गनघर पांछू 6.40 1719.99
मुनस्यारी-मिलम से टोला रोड 3.325 911.79