आपने देश के बड़े विश्वविद्यालयों JNU और BHU के बारे में जानते ही होंगे जहां से कई ऐसे छात्र निकले हैं, जो देश की राजनीति, प्रशासनिक सेवाओं और विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
देवभूमि का एक ऐसा ही विश्वविद्यालय है हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय जो पौड़ी जनपद के श्रीनगर में स्थित है, इस विश्वविद्यालय के कई पूर्व छात्र वर्तमान में देश और प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रहे हैं उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत गढ़वाल विश्वविद्यालय से की और अब वे राजनीति के क्षेत्र में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं।
गढ़वाल विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एमएम सेमवाल ने बताया कि उत्तराखंड की राजनीति का केंद्र हमेशा से श्रीनगर गढ़वाल रहा है, उत्तराखंड राज्य आंदोलन की शुरुआत भी श्रीनगर से ही हुई थी और गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्रों ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
वह बताते हैं कि उत्तराखंड की राजनीति के जितने भी दिग्गज नेता हैं, उन्होंने गढ़वाल विश्वविद्यालय से ही अपनी छात्र राजनीति की शुरुआत की है, इनमें पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में हरिद्वार से सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, उत्तराखंड के वर्तमान शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत और देवप्रयाग के विधायक विनोद कंडारी शामिल हैं।
प्रोफेसर सेमवाल ने कहा कि जो छात्र इन सभी नेताओं को अपना आदर्श मानते हैं, इन सभी नेताओं की राजनीति की पहली पाठशाला गढ़वाल विश्वविद्यालय ही रहा है,यह स्थान न केवल राज्य के इतिहास में बल्कि उसकी राजनीतिक दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है उन्होंने कहा कि भविष्य में भी आशा है कि देश और प्रदेश को गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से ऐसे नेता मिलेंगे, जो देश की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।