
हरिद्वार की खानपुर से विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुमार प्रणव सिंह चैंपियन पक्षों के बीच संघर्ष का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के आर्म्स लाइसेंस सस्पेंड कर दिए हैं, सोमवार को चैंपियन को 14 दिन की न्यायिक रियासत में हरिद्वार जेल भेजा गया है तो विधायक उमेश कुमार को बेल मिल चुकी है।
जेल में बंद चैंपियन के सोशल मीडिया हेंडल से बुधवार को गुर्जर समाज की महापंचायत बुलाने का ऐलान किया है तो जवाब में विधायक उमेश कुमार ने सर्व समाज की मीटिंग बुलाने का फैसला किया है, दोनों ही कार्यक्रमों लक्सर में होंगे।
पुलिस के लिए नई चुनौती है कि जब दोनों पक्ष एक जगह होंगे तब लॉ एंड आर्डर को कैसे संभाला जाए, इस बीच पुलिस ने दोनों पक्षों के आर्म्स लाइसेंस को सस्पेंड करने के बाद 14 दिन के भीतर जवाब मांगा है।
इधर, घटना के दो दिन के बाद बीजेपी ने चैंपियन को लेकर रिएक्ट किया है, पार्टी की तरफ से मंगलवार को कहा गया कि चैंपियन को नोटिस भेजा जाएगा, उनसे पूछा जाएगा कि सार्वजनिक व्यवहार के लिए क्यों ना उन पर एक्शन लिया जाए, इससे पहले भी बीजेपी चैंपियन को निलंबित कर चुकी है हालांकि विधानसभा चुनाव से पहले उनको पार्टी में शामिल कर लिया गया था।
गौरतलब है कि उमेश कुमार निर्दलीय विधायक हैं और चैंपियन बीजेपी से जुड़े पूर्व विधायक हैं, इन दोनों की अदावत 2022 के विधानसभा चुनाव से शुरू हुई थी जब चुनाव में बीजेपी के टिकट पर खड़ी चैंपियन की पत्नी को उमेश कुमार ने हरा दिया था।
ताजा मामला नगर निकाय चुनाव से जुड़ा हुआ है जब रुड़की में एक इंडिपेंडेंट कैंडिडेट को उमेश कुमार ने समर्थन दिया और वो हार गई, चुनाव में मिली हार की खिल्ली उड़ाते हुए चैंपियन ने सोशल मीडिया में कुछ ऐसा अभद्र लिख दिया कि विधायक ने रविवार की रात ही चैंपियन के लंढोरा स्थित घर पर आकर चैलेंज दिया।
इसके जवाब में 26 जनवरी को चैंपियन अपने दर्जनों समर्थकों के साथ विधायक के दफ्तर पहुंच गए और उत्पात मचाया, आरोप है कि इस दौरान ऑफिस में गोलियां चलाई गईं, बाद में घटना का पता चलता ही उमेश कुमार भी तमतमाकर दौड़ पड़े, दोनों ही वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए।
अब उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मामले को संज्ञान में लिया है, मामले को लेकर आज सरकार से दोनों की रिपोर्ट मांगी गई है, सुनवाई में एसएसपी को भी तलब किया गया, कोर्ट ने दोनों की क्राइम हिस्ट्री की रिपोर्ट मांगी है।