
पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक कहते हैं कि बतौर मुख्यमंत्री मैंने राज्य स्थापना दिवस नौ नवंबर 2010 को रतन टाटा को आमंत्रित किया था। उन्होंने बहुत ही सहज भाव से निमंत्रण स्वीकार किया था और कार्यक्रम में शामिल हुए थे। साहित्य, कला, संगीत, योग तथा ध्यान में उनकी गहरी रुचि थी। नैनो कार की लॉन्चिंग से लेकर उसके उत्पादन तक की प्रक्रिया में उनका उत्तराखंड आना जाना लगा रहता था। एक बार जब मैंने उनसे पूछा कि इन सब के लिए वह समय निकाल लेते हैं, तो उनका जवाब था कि काम के बाद बचा समय इन्हीं सब में बिताता हूं। निशंक कहते हैं कि देश ने एक अमूल्य हीरा खोया है। उनका हर गरीब को सक्षम बनाने का सपना था। देश सशक्त और समृद्ध बने इसके लिए जीवन भर संकल्पित रहे। देश उनके योगदान को कभी नहीं भुला सकता।