भारत सरकार ने हाल ही में राममूर्ति कुशवाहा को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है। यह नियुक्ति उनके विशाल अनुभव और कानूनी ज्ञान को देखते हुए की गई है, जो उन्होंने अपने पूर्ववर्ती पदों में अर्जित किया है। राममूर्ति कुशवाहा ने अपने कानूनी करियर की शुरुआत एक वकील के रूप में की और बाद में इलाहाबाद में डीआरटी (डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल) के न्यायाधीश बने। इसके अलावा, उन्होंने सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) नई दिल्ली में अतिरिक्त कानूनी सलाहकार के रूप में भी कार्य किया है। उनका यह अनुभव उन्हें कंपनी कानूनों के क्षेत्र में एक विशेषज्ञ बनाता है और एनसीएलटी में उनकी नियुक्ति को और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
उत्तराखंड के खटीमा ऊधमसिंहनगर के निवासी राममूर्ति कुशवाहा की यह नियुक्ति न केवल उनके लिए, बल्कि उनके परिवार और समुदाय के लिए भी एक गर्व का क्षण है। उनकी बेटी नैनीताल में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यरत है, जो उनके परिवार की कानूनी पृष्ठभूमि को दर्शाता है। राममूर्ति कुशवाहा का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था, जो उनकी मेहनत और लगन को दर्शाता है। उनकी नियुक्ति से यह उम्मीद की जा सकती है कि वे अपने अनुभव और ज्ञान का उपयोग करके एनसीएलटी में महत्वपूर्ण योगदान करेंगे और कंपनी कानूनों के क्षेत्र में न्यायपालिका को मजबूत बनाने में मदद करेंगे। एनसीएलटी की स्थापना कंपनी कानूनों के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्रदान करने और कंपनी विवादों का निपटारा करने के लिए की गई थी।