उत्तराखंड में पिरूल के एकत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है (चीड़ की पत्ती) के उपयोग को बढ़ाने और इसे लोगों की आजीविका से जोड़ने का प्रयास कर रही है। इस कड़ी में उत्तराखंड वन विभाग भी राज्य भर में इससे जुड़े उद्यमियों को चिन्हित कर रहा है। साथ ही पिरूल के एकत्रीकरण को प्रोत्साहित करने की भी कोशिश की जा रही है, वन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश में 7 नई यूनिट स्थापित करने पर सहमति जताई गई। इसमें दो यूनिट अल्मोड़ा, दो यूनिट चंपावत, दो यूनिट गढ़वाल और एक नरेंद्र नगर में स्थापित करने पर निर्णय लिया गया है।
इसके लिए पिछले दिनों पिरूल की कीमतों में बढ़ोतरी के जरिए क्षेत्रीय लोगों को इससे जोड़ने का प्रयास किया गया, इसके अलावा ऐसे उद्यमियों को भी चिन्हित किया जा रहा है, जो इससे जुड़े कार्यों को आगे बढ़ा सके।
अपर प्रमुख वन संरक्षक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन की अध्यक्षता में समीक्षा हुई बैठक में चीड़ आच्छादित क्षेत्रीय रेंज में कम से कम एक यूनिट स्थापित करने पर बल दिया गया, इस दौरान अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मौजूदा समय में स्थापित यूनिटों को प्रोत्साहित करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। वन विभाग का लक्ष्य है कि पिरूल का जितना भी एकत्रीकरण हो रहा है, उसका उपयोग हो, ताकि इससे ब्रिकेट्स उत्पादन की मात्रा को बढ़ाया जा सके।