बीते 12 नवंबर की सुबह 1.30 बजे देहरादून के ओएनजीसी चौक पर इनोवा कार हादसे का शिकार हो गई थी। यह कार सीधे कंटेनर के पिछले हिस्से में टकरा गई थी। जिसमें कार बुरी तरह से चकनाचूर हो गई थी। इस हादसे में 3 युवक और 3 युवतियों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि, एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया था। वहीं, हादसे के बाद कंटेनर चालक फरार हो गया था। जो अब जाकर पुलिस की गिरफ्त में आया है।
देहरादून पुलिस के मुताबिक, जिस कंटेनर से कार टकराई थी, उसका नंबर HR 55 J 4348 है। जो दिल्ली के पटेल नगर गुडगांव के वीआरसी लॉजिस्टिक प्रा.लि के नाम पर रजिस्टर्ड मिला। जिससे जानकारी लेने पर पता चला कि कंपनी कंटेनर को साल 2015 में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर निवासी नरेश गौतम को बेच दिया था। नरेश गौतम ने वर्तमान में कंटेनर को एचडीडी मशीन के साथ मेरठ के मुहाना के रहने वाले अभिषेक चौधरी पुत्र मुकेश चौधरी को किराए पर दिया था।
अभिषेक चौधरी ने अक्टूबर 2024 में कंटेनर को मेरठ से देहरादून लाया था। जिसे काम न मिलने के कारण वो ट्रांसपोर्ट नगर पटेलनगर में ही खड़ा रखता था। कभी-कभी मशीन पहुंचाने का काम मिलने पर वो कंटेनर से एचडीडी (HDD) मशीन को आस पास की जगह पहुंचाता था। हादसे की रात कंटेनर से एचडीडी मशीन को कौलागढ़ में चल रहे ड्रिलिंग के काम के लिए कौलागढ़ लेकर जा रहा था, जिसे सहारनपुर के बिहारीगढ़ के इस्माइलपुर का रहने वाला रामकुमार उर्फ रामू पुत्र तेजपाल (उम्र 34 वर्ष) चला रहा था।
हादसे के समय ड्राइवर रामकुमार कंटेनर को किशन नगर की ओर से सामान्य गति से कौलागढ़ की ओर ले जा रहा था। ओनएनजीसी चौक पर कंटेनर को सीधे कौलागढ़ रोड की ओर ले जाने के दौरान चौक से पूरा कंटेनर लगभग निकल ही गया था। तभी अचानक बल्लूपुर की ओर से आ रही इनोवा कार कंटेनर के पिछले हिस्से से टकरा गई। जिसमें इनोवा कार सवार युवकों की मौत हो गई. इस हादसे के बाद कंटेनर चालक लगातार फरार हो गया था।
वहीं, पुलिस ने देहरादून कैंट क्षेत्र से ड्राइवर रामकुमार को हिरासत में लिया। पूछताछ में कंटेनर ड्राइवर रामकुमार ने बताया कि हादसे की रात ओएनजीसी चौक पर बल्लूपुर की ओर से आ रही एक इनोवा कार कंटेनर के पिछले हिस्से से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। हादसे के बाद वो कंटेनर के पिछले हिस्से की ओर गया, जहां दुर्घटनाग्रस्त कार में शव पड़े मिले, जिसे देखकर वो घबरा गया। पकड़े जाने के डर से फोन किया स्विच ऑफ, अज्ञात स्थान पर जाकर छुपा: हादसे का जिम्मेदार उसे माने जाने के डर से रामकुमार अपनी और अपने वाहन की पहचान छुपाने की कोशिश करने लगा. इसके बाद वो घटनास्थल से कंटेनर की नंबर प्लेट को लेकर मौके से फरार हो गया. पकड़े जाने के डर से उसने अपना मोबाइल फोन भी बंद कर दिया. अपने घर न जाकर किसी अज्ञात स्थान पर छुप गया था. वहीं, अब पुलिस ने हादसे के बाद पुलिस को सूचना न देने और मौके से फरार होने, अपनी व वाहन की पहचान छुपाने यानी साक्ष्यों को छुपाने के आरोपी गिरफ्तार किया है।