कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या किए जाने पर चिकित्सकों में आक्रोश है। एम्स के रेजिडेंट चिकित्सकों ने विरोध में एम्स से त्रिवेणीघाट तक आक्रोश रैली निकाली। रेजिडेंट डाक्टर कार्य बहिष्कार पर भी रहे। इसकी वजह से एम्स में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई। करीब 50 प्रतिशत सर्जरी और 70 प्रतिशत ओपीडी प्रभावित हुई। बुधवार को भी रेजिडेंट डॉक्टर कार्य बहिष्कार करेंगे।
मंगलवार सुबह रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन के बैनर तले आक्रोश रैली निकाली गई। डाक्टरों की रैली को एम्स फैकल्टी एसोसिएशन व नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन ने भी समर्थन दिया। डाक्टरों ने रैली के दौरान घटना के विरोध में जमकर नारेबाजी की। आरडीए के अध्यक्ष डॉ. सावन व महासचिव डॉ. कार्तिक ने कहा कि महिला चिकित्सक के साथ किए गए अमानवीय कृत्य की जितनी निंदा की जाए कम है। इस घटना ने मानवता को शर्मसार किया है। उन्होंने दोषियों को कठोर से कठोर सजा दिए जाने और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। रैली में एसोसिएशन उपाध्यक्ष डॉ. रजत, कोषाध्यक्ष डॉ. अनिकेत, डॉ. आनंद, डॉ. प्रखर, डॉ. दीपक, डॉ. विधु खरे, डॉ. नमिता आदि मौजूद रहे।
ओपीडी और आईपीडी सेवाएं हुई प्रभावित
एम्स में रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल से आईपीडी व ओपीडी सेवाएं प्रभावित रही। बुधवार को भी रेजिडेंट डाक्टर कार्य बहिष्कार करेंगे। रेजिडेंट डाक्टरों के कार्य बहिष्कार के चलते मरीजों की स्वास्थ्य जांच, परामर्श संबंधी अनेक कार्यों पर प्रभाव पड़ा। वार्डों में भर्ती मरीजों को भी दिक्कतें झेलनी पड़ी।
हालांकि ट्रॉमा व आपातकालीन सेवाओं में रेजिडेंट डाक्टर तैनात रहे। बतादें कि मंगलवार को एम्स के रेजिडेंट डाक्टरों ने एक दिवसीय कार्य बहिष्कार किया था। एम्स में करीब 900 रेजीडेंट डाक्टर हैं।