हरिद्वार: अर्धकुंभ मेला 2027 की तैयारियों को अंतिम रूप देने और अखाड़ों को आमंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज शुक्रवार को हरिद्वार डाम कोठी में अखाड़ा प्रतिनिधियों के साथ पहली बैठक की। मुख्यमंत्री ने साधु-संतों की उपस्थिति में अर्धकुंभ मेले में अमृत स्नानों की तिथियां भी घोषित कीं। मेला प्रशासन की जानकारी के अनुसार, प्रथम अमृत स्नान 14 जनवरी 2027 को आयोजित होगा, जबकि कुंभ मेला 17 जनवरी से 30 अप्रैल 2027 तक चलेगा। कुल 107 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में 10 अमृत स्नान होंगे। बैठक में मेला प्रशासन की ओर से 13 अखाड़ों के दो-दो सचिव या नामित प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कुछ दिन पहले जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महराज के बयान के कारण अखाड़ों और शासन प्रशासन में हलचल मची थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने संतों के साथ शीघ्र बैठक करने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक में अखाड़ों को अर्धकुंभ में शामिल होने का आमंत्रण दिया और मेले को भव्य व दिव्य रूप में आयोजित करने के सुझाव मांगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि अर्धकुंभ को कुंभ की तरह ही भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा। मेला प्रशासन का कहना है कि इस बैठक के बाद अखाड़ा परिषद को लेकर चल रही बयानबाजी पर विराम लगने की उम्मीद है और सभी अखाड़ों के संत अर्धकुंभ में भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।
