
उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण (गैरसैंण) एक बार फिर सियासी हलचल का केंद्र बनने जा रही है। 19 अगस्त से यहां राज्य विधानसभा का मानसून सत्र आहूत किया जाएगा। विधानसभा सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह की अनुमति मिलने के बाद यह अधिसूचना जारी हुई है।
भराड़ीसैंण में आयोजित होने जा रहे इस सत्र को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। विधानसभा सचिवालय को अब तक विधायकों की ओर से 480 से ज्यादा सवाल प्राप्त हो चुके हैं, जिससे साफ है कि सत्र में कई अहम मुद्दों पर गर्म बहस और चर्चाएं देखने को मिल सकती हैं।
ई-नेवा और डिजिटल परिवर्तन
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने जानकारी दी कि भराड़ीसैंण में इस बार मानसून सत्र तकनीकी रूप से और अधिक समृद्ध होगा। सभा मंडप में ई-नेवा (e-NIWA) प्रोजेक्ट के तहत डिजिटाइजेशन का काम पूरा किया जा चुका है। साथ ही, सभा कक्ष को साउंड प्रूफ भी किया गया है ताकि कार्यवाही में कोई व्यवधान न हो। ई-नेवा के माध्यम से अब विधायकों को प्रश्न, उत्तर, विधेयक और अन्य दस्तावेज डिजिटल माध्यम से उपलब्ध होंगे। यह कदम न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ाएगा, बल्कि समय और संसाधनों की भी बचत करेगा।
सत्र को लेकर विपक्ष के तेवर
मानसून सत्र को लेकर विपक्ष भी पूरी तैयारी में है। कांग्रेस पहले ही महंगाई, बेरोजगारी, स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली, LUCC चिट फंड घोटाला और हालिया भ्रष्टाचार के मामलों को जोर-शोर से उठाने की घोषणा कर चुकी है। ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहसें तय मानी जा रही हैं।
भौगोलिक चुनौतियों के बावजूद प्रतिबद्धता
गौरतलब है कि भराड़ीसैंण जैसे दूरस्थ और पर्वतीय इलाके में विधानसभा सत्र आयोजित करना प्रशासनिक रूप से बड़ी चुनौती होता है, लेकिन इसे लेकर सरकार और विधानसभा सचिवालय की प्रतिबद्धता लगातार दिख रही है। इस कदम को स्थायी राजधानी गैरसैंण की दिशा में एक और मजबूत कदम माना जा रहा है।