
उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में स्वरोजगार को नई उड़ान देने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और मुख्यमंत्री अति सूक्ष्म (नैनो) योजना को मिलाकर नई नीति का प्रस्ताव तैयार किया है। इस नई नीति के तहत छोटे कारोबार शुरू करने वालों को अब पहले की तुलना में चार गुना तक ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। वर्तमान में नैनो योजना के अंतर्गत मिलने वाले 50 हजार रुपये की ऋण सीमा को बढ़ाकर दो लाख रुपये तक किया जा रहा है। यह प्रस्ताव आगामी कैबिनेट बैठक में विचार के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
कोविड महामारी के दौरान रोजगार संकट को देखते हुए सरकार ने इन योजनाओं की शुरुआत की थी। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 10 से 25 लाख रुपये तक ऋण मिलता है, जिसमें 15 से 25 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। वहीं नैनो योजना में 50 हजार रुपये तक के ऋण पर 25 से 35 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलती है। अब इन दोनों योजनाओं को समायोजित कर एक नई समेकित नीति लाने की तैयारी हो रही है।
प्रस्तावित नीति में निवेश की श्रेणी के अनुसार सब्सिडी का निर्धारण किया गया है—दो लाख तक की परियोजना लागत पर 30%, दो से दस लाख पर 25% और दस से पच्चीस लाख रुपये तक की परियोजना पर 20% सब्सिडी प्रस्तावित है। सी और डी श्रेणी के क्षेत्रों में यह सब्सिडी क्रमशः 25%, 20% और 15% रहेगी।
महिलाओं के लिए इस नीति में 5 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी का प्रावधान भी किया गया है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों, नगर पंचायत क्षेत्रों और जीआई टैग या ‘एक जिला-दो उत्पाद’ से जुड़े उद्योगों को भी अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
2020 से जनवरी 2025 तक मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से 31,715 लोगों को ऋण उपलब्ध कराया गया, जिससे 95,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार मिला है। नैनो योजना से 4,658 छोटे उद्यमियों को लाभ मिला है। जल्द ही यह नई नीति कैबिनेट में अनुमोदन के लिए पेश की जाएगी।