
ट्रिपल तलाक के खिलाफ लड़ाई लड़ चुकी उधम सिंह नगर के काशीपुर निवासी सायरा बानो को एक बार फिर उत्तराखंड सरकार ने दायित्व सौंपा है। त्रिवेंद्र सरकार के बाद धामी सरकार ने भी उन्हें उत्तराखंड महिला आयोग की उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। दरअसल सायरा की शादी 2002 में इलाहाबाद के एक शख्स के साथ हुई थी। सायरा ने घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था। सायरा के शौहर ने उन्हें टेलीग्राम के जरिए तलाकनामा भेजा था जिसके बाद उन्होंने साल 2016 में तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसके बाद वह चर्चा में आई थी। सायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके ट्रिपल तलाक के साथ ही निकाह हलाला के चलन की संवैधानिकता को चुनौती दी थी। याचिका में उन्होंने मुस्लिमो में प्रचलित बहुविवाह प्रथा को भी गलत करार देते हुए इसे खत्म करने की मांग उठाई थी। साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक मानते हुए उनके पक्ष में फैसला सुनाया था। जिसके बाद मोदी सरकार द्वारा साल 2018 में ट्रिपल तलाक को लेकर कानून बनाया।
सायरो बानो की नियुक्ति की घोषणा के क्रम में उत्तराखंड में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कुल 20 नई नियुक्तिय़ों की घोषणा कर दी है। प्रदेश सरकार ने दायित्वों की पहली सूची जारी कर दी है। इसमें भाजपा के 20 पदाधिकारियों को विभिन्न परिषद, आयोग व समितियों में दायित्व दिया गया है। लंबे समय से दायित्वों को लेकर मौजूदा उत्तराखंड सरकार पर दबाव था। बताया जा रहा है कि उसी दबाव को कम करने के क्रम में सीएम धामी ने यह घोषणाएं की हैं।