
उत्तराखंड की सांस्कृतिक और साहित्यिक धरोहर को नई पहचान दिलाने वाला ‘लेखक गाँव’ अब योग, पर्यटन और सात्विक जीवनशैली के केंद्र के रूप में तेजी से उभर रहा है। रविवार को हरिद्वार सांसद एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने थानों क्षेत्र की हरी-भरी वादियों में बसे इस अनोखे स्थल का भ्रमण किया।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ‘लेखक गाँव’ साहित्य प्रेमियों के साथ-साथ योग और पर्यटन के लिए भी अद्वितीय स्थान बन गया है। उन्होंने यह जानकर खुशी जाहिर की कि यहां अब सात्विक विवाह समारोह भी आयोजित किए जा रहे हैं। उनके मुताबिक यह पहल न केवल स्थानीय पर्यटन को नई दिशा देगी, बल्कि हमारी सांस्कृतिक जड़ों और परंपराओं को सहेजने का काम भी करेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस दौरान ‘लेखक गाँव’ के सूत्रधार और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ से भेंट की। उन्होंने डॉ. निशंक की इस अनूठी सोच और प्रयास की सराहना करते हुए कहा, “यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। यह सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन है।”
‘लेखक गाँव’ की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। यहां देश-विदेश के साहित्यकार, योग साधक और संस्कृति प्रेमी शांति की तलाश में आते हैं। अब सात्विक विवाह आयोजन शुरू होने से इसे नया आयाम मिला है। इस तरह के आयोजन पर्यावरण संरक्षण और सरल जीवनशैली को बढ़ावा देंगे।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उम्मीद जताई कि ‘लेखक गाँव’ आने वाले समय में उत्तराखंड की पहचान को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि यह न केवल राज्य के साहित्यिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नई पहचान बनाएगा।
डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि लेखक गाँव की परिकल्पना सिर्फ पर्यटन या साहित्य तक सीमित नहीं है। यह एक ऐसा मंच है जहां संस्कृति, प्रकृति और अध्यात्म का संगम होता है। हमारा उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़ना और उन्हें स्वच्छ, सात्विक जीवनशैली की प्रेरणा देना है। लेखक गाँव में साहित्यिक गोष्ठियां, योग शिविर और अब विवाह आयोजन जैसी पहलें इसे अनूठा बनाती हैं। यह स्थान न केवल सृजनशीलता को बढ़ावा देता है बल्कि प्रकृति के बीच जीवन की असली सुंदरता का अनुभव कराता है।