उत्तराखंड खानपान के तौर-तरीके को लेकर देश-विदेश तक में प्रचलित हैं, ऐसे ही बागेश्वर के पहाड़ी इलाकों में व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने के लिए कई तरीके अपनाएं जाते हैं, इन्हीं में से एक घरेलू तरीका सब्जी में भांग का रस डालने का भी है, यह तरीका न सिर्फ स्वाद बढ़ाने के काम आता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है, पहाड़ में भांग के रस का सर्दियों में अधिक इस्तेमाल किया जाता है, भांग का रस गर्म तासीर का काम करता है।
ग्रामीण बताते हैं कि अक्सर लोगों को लगता है कि भांग के दानों में नशा होता है, लेकिन भांग के दानों में किसी भी प्रकार का नशा नहीं होता है, भांग के दुष्प्रचार के कारण यह भ्रांति फैली हुई है।
भांग के दानों के रस का इस्तेमाल सब्जी का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है, पहाड़ में भांग के रस को पीले कद्दू, गडेरी, पिनालू, गेठी, आलू, बड़ी, लाई, सरसों के साग और पालक आदि सब्जियों में डाला जाता है।
पहाड़ की भाषा में कहें, तो यह एक प्रकार का पहाड़ी मसाला है, जिसका पहाड़ में बहुत पुराने समय से इस्तेमाल हो रहा है, भांग के रस की तासीर गर्म होने के कारण ठंड से बचने के लिए इसका अधिक सेवन होता है, इसके रस को सब्जी में मिलाने से सब्जी की तासीर भी गर्म हो जाती है।
भांग के बीज सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद हैं, भांग के दानों का रस खाने से कोलेस्ट्रॉल कम होने के साथ ही हाई बीपी से राहत मिलती है, भांग के बीज हार्ट से जुड़ी समस्या को कम करते हैं, वजन घटाने के लिए भी हेम्प सीड्स का सेवन कर सकते हैं।
सब्जी में डालने का सही तरीका
भांग के दानों का रस सब्जी में डालने के लिए सबसे पहले दानों को अच्छे से साफ कर लें, दानों को तवे में हल्की आंच में भून लें, आप चाहें तो बिना भूने भी डाल सकते हैं लेकिन भूनने से और अच्छा स्वाद आएगा, दानों को सिलबट्टे में बारीक पीस लें,अब पेस्ट को एक बड़े कटोरे में निकाल लें, पेस्ट में पानी डालकर घोल बना लें।
रस को छन्नी की सहायता से सब्जी में डालें, ये भी जान लें कि भांग का रस डालने के पांच से दस मिनट तक सब्जी को लगातार चलाया जाता है, सब्जी नहीं चलाने पर घोल ख़राब हो सकता है, ऐसे आसानी से घर पर आप किसी भी पहाड़ी सब्जी को स्वादिष्ट बना सकते हैं, जब सब्जी पककर तैयार हो जाती है, तो इसकी महक से आपके मुंह में पानी आने लगेगा, सब्जी का स्वाद आप आजीवन नहीं भूल पाएंगे।