पौड़ी जिले के श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के थलीसैंण ब्लॉक के डांग गांव में ग्रामीण बादल फटने के कारण हुए नुकसान से खौफ के साए में जीने के लिए मजबूर हैं। ग्रामीण सरकार से विस्थापन की मांग कर रहे हैं। बादल फटने की घटना के बाद प्रशासन की ओर से पौड़ी जिले के डांग गांव में सड़क व्यवस्था तथा पेयजल आपूर्ति सुचारु करने को लेकर कुछ कदम उठाए गए हैं। लेकिन ग्रामीण अभी भी रुक-रुक कर हो रही बारिश से खौफ के साए में जी रहे हैं। इसके साथ ही लगातार हो रही बारिश के कारण गांव वाले भय में है।
ग्रामीणों का कहना है कि बादल फटने की घटना से उनके खेत खलियान में उगा अनाज तो नष्ट हुआ ही है। इसके साथ ही उनके घरों के अंदर तक मलबा घुस गया है। वही रास्ते और पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिससे गांव में रसद सामग्री जुटाने के लिए उन्हे खच्चरों का सहारा लेना पड़ रहा है। उसका ढुलान उन्हें बहुत ही महंगा पड़ रहा है।
गांव के बुजुर्ग बताते है की इसी आपदा उन्होंने अपने गांव में कभी नहीं देखी और जब रात के अंधेरे में आपदा आई तो बारिश से रास्ते बंद हो गए जिस कारण से हम कहीं भाग नहीं पाए साथ ही उन्होंने सरकार से अपनी नाराजगी जताई है।
ग्रामीणों का कहना है प्रशासन ने मुआवजा राशि देने की बात कही है किंतु हमें पैसे नहीं चाहिए हमें रहने के लिए कोई अन्य स्थान चाहिए। उनका कहना है कि यहां रात दिन खतरा बना हुआ है इसलिए हमें कही और भेजा जाए। ग्रामीणों का ये भी कहना है की हमने अपना वोट देकर सरकार को चुना है अपनी सुविधा के लिए तो हमें हमारा हक चाहिए।
बीते दिनों पौड़ी में आई आपदा नें लोगों से बहुत कुछ छीन लिया जिसके बाद से ग्रामीण बहुत लाचार हो गए है। बिते दिन प्रशासन की टीम गांव में पहुंची थी किंतु ग्रामीण प्रशासन की कार्रवाई से ना खुश नजर आ रहे है।