
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) कानून लागू होने के बाद प्रदेशभर से सरकार को भारी संख्या में आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। गृह सचिव शैलेश बगौली की अध्यक्षता में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई। बताया गया कि अब तक राज्य में UCC पोर्टल पर कुल 94,000 से अधिक आवेदन दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें 73,093 आवेदन विवाह पंजीकरण से संबंधित हैं।
बैठक के दौरान यह सामने आया कि हर जिले से औसतन प्रतिदिन 174 आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। खास बात यह रही कि नए कानून के अंतर्गत लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर भी नागरिकों में जागरूकता बढ़ी है, जिसके तहत अब तक कुल 46 आवेदन दर्ज किए गए हैं।
सचिव बगौली ने सभी जिलाधिकारियों को विवाह पंजीकरण और अन्य सेवाओं के प्रचार-प्रसार के लिए शिविरों के आयोजन के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी कर्मचारियों के विवाह का पंजीकरण शत-प्रतिशत सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में बताया गया कि अब तक प्राप्त आवेदनों में से लगभग 89 प्रतिशत को स्वीकृति मिल चुकी है, जबकि लगभग 5 प्रतिशत आवेदन निरस्त किए गए हैं। शेष आवेदन प्रक्रियाधीन हैं। निरस्त आवेदनों की समीक्षा कर जिलाधिकारियों को कारणों की जांच करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
2010 से पहले हुए विवाहों के पंजीकरण को लेकर एक अहम निर्णय लिया गया है। अब इन मामलों में वीडियो KYC की बाध्यता समाप्त कर दी गई है, जबकि 2010 और उसके बाद के विवाहों के लिए यह अनिवार्य रहेगी। इसके अलावा, UCC सर्टिफिकेट को डिजीलॉकर में उपलब्ध कराने की प्रक्रिया भी प्रगति पर है।
बैठक में यह भी बताया गया कि अब केवल 382 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जहां से कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। पहले यह संख्या 4,141 थी। सचिव ने शेष पंचायतों तक जागरूकता अभियान तेज करने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और चमोली जैसे जिलों ने विवाह पंजीकरण में उल्लेखनीय प्रगति की है। रुद्रप्रयाग ने 29%, उत्तरकाशी ने 23% और चमोली ने 21% आवेदन स्वीकृति दर के साथ बेहतर प्रदर्शन किया है।