
उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में हाल ही में आई भीषण आपदा के बाद स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। आपदा के चलते भारी संख्या में लोग घायल हुए हैं, कई लापता हैं और राहत-बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। ऐसे में राज्य सरकार ने चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए विशेष कदम उठाए हैं।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी दी कि आपदा प्रभावित क्षेत्र में घायल नागरिकों के इलाज के लिए दून मेडिकल कॉलेज और एम्स ऋषिकेश में बेड आरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम — जिसमें सर्जन, निश्चेतक, फिजिशियन और हड्डी रोग विशेषज्ञ शामिल हैं — को तुरंत धराली गांव के लिए रवाना कर दिया गया है।
आपदा की गंभीरता को देखते हुए गढ़वाल क्षेत्र के स्वास्थ्य निदेशक को इस अभियान के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। राज्य के सभी प्रमुख अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि गंभीर रूप से घायल मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करें। अस्पतालों में आवश्यक दवाइयों, सर्जिकल सामग्री और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति को भी प्राथमिकता पर रखा गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने आपातकालीन स्थिति को संभालने के लिए राज्य भर के चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियों पर रोक लगा दी है। यह निर्णय तब तक प्रभावी रहेगा जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते। वहीं, राज्य की 108 एंबुलेंस सेवा को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है, ताकि समय पर मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाया जा सके।
उत्तरकाशी जिले में 24 घंटे संचालित आपात नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है, जिससे राहत और चिकित्सा सेवाओं के समन्वय में तेजी लाई जा सके।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आपदा से हुई क्षति पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तरकाशी, टिहरी और देहरादून जिले के अस्पतालों के साथ-साथ दून मेडिकल कॉलेज व एम्स ऋषिकेश को विशेष रूप से तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावित नागरिकों को हर संभव चिकित्सा सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्तरकाशी की इस आपदा में जहां एक ओर सेना और आपदा राहत बल जिंदगियां बचाने में जुटे हैं, वहीं चिकित्सा विभाग अपने स्तर पर राहत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा।