
उत्तराखंड में मानसून ने एक बार फिर तबाही मचाई है। उत्तरकाशी जिले के धराली गांव की खीरगंगा में मंगलवार सुबह अचानक आई भयंकर बाढ़ ने क्षेत्र में अफरातफरी मचा दी। बाढ़ का पानी जब गांव की तरफ बढ़ा, तो चीख-पुकार मच गई। कई लोग मलबे में दब गए हैं, जबकि कुछ लोग खीरगंगा के दूसरी ओर अपने घरों और होटलों में फंसे हुए हैं। भारी बारिश के चलते होटलों और दुकानों में पानी और मलबा भर गया है, जिससे कई संरचनाएं पूरी तरह ध्वस्त हो गईं। धराली बाजार को भी बाढ़ ने पूरी तरह तबाह कर दिया है। स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ सेना, पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू अभियान के लिए भटवाड़ी रवाना कर दी गई हैं। प्रभावितों की तलाश और राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं।
इधर उत्तरकाशी के बड़कोट तहसील के बनाल पट्टी क्षेत्र में भारी बारिश के चलते करीब डेढ़ दर्जन बकरियां कुड गदेरे में बह गईं। गदेरा उफान पर आने से लोगों में दहशत फैल गई। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में 10 अगस्त तक भारी बारिश के आसार बने हुए हैं। खास तौर पर पर्वतीय जिलों में मूसलाधार बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
बारिश की वजह से मंगलवार को देहरादून, पौड़ी, टिहरी और हरिद्वार जिलों में स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया गया है। सड़क यातायात भी भारी बारिश की मार झेल रहा है। यमुनोत्री हाईवे पर स्यानाचट्टी के पास करीब 25 मीटर सड़क धंस गई है, जिससे मार्ग पूरी तरह बंद है। पहाड़ियों से लगातार बोल्डर गिरने से जोखिम बना हुआ है। वहीं, गंगोत्री हाईवे भी डबराणी, नाग मंदिर और नेताला के पास मलबा आने से कई बार अवरुद्ध रहा। एनएच विभाग की मशीनरी मार्ग को खोलने में जुटी है लेकिन लगातार बारिश से काम में बाधा आ रही है। अधिकारियों ने बताया कि शाम तक कुछ हिस्सों में हल्की कटिंग कर छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू कराने की कोशिश की जा रही है। उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है और राज्य सरकार व प्रशासन अलर्ट मोड पर है।