उत्तराखंड में मानसून का असर लगातार बना हुआ है। पहाड़ी जिलों में भारी बारिश का सिलसिला जारी है, जबकि मैदानों में लोगों को आंशिक राहत मिली है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि फिलहाल प्रदेश को अगले कुछ दिन और बारिश से जूझना होगा।
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून ने पूर्वानुमान जारी करते हुए बताया कि गुरुवार को नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों के कुछ हिस्सों में तेज बारिश हो सकती है। इसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन इलाकों में भूस्खलन, सड़क बाधित होने और नदियों-नालों के उफान पर आने की आशंका जताई गई है। वहीं, देहरादून, उत्तरकाशी, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जिले में हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस बार मानसून का पैटर्न सामान्य वर्षों से अलग रहा है। जलवायु परिवर्तन और बदलते मौसम चक्र के कारण तेज और लंबी अवधि तक बारिश होने की प्रवृत्ति बढ़ी है। इसका असर खासतौर पर पर्वतीय जिलों में साफ दिखाई दे रहा है, जहां लगातार भूस्खलन और जनजीवन अस्त-व्यस्त होने की खबरें मिल रही हैं।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 23 सितंबर तक राज्य के अधिकांश हिस्सों में बारिश बनी रहेगी। हालांकि, मैदानी जिलों में लोगों को ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा और मौसम अपेक्षाकृत सामान्य रहेगा।
सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने पहाड़ी जिलों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। संवेदनशील मार्गों पर चौकसी बढ़ा दी गई है और आपदा राहत दलों को अलर्ट पर रखा गया है। लोगों से अपील की गई है कि बारिश के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें और नदियों-नालों के किनारे न जाएं। वहीं, पर्यटकों को भी सुरक्षा के मद्देनज़र यात्रा की योजना मौसम विभाग की चेतावनियों को देखते हुए बनाने की सलाह दी गई है।
उत्तराखंड में मानसून की सक्रियता ने जहां किसानों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं, वहीं बार-बार हो रही भारी बारिश से बागवानी, सड़क और पर्यटन क्षेत्र को नुकसान उठाना पड़ रहा है। अगले कुछ दिनों तक हालात चुनौतीपूर्ण बने रहेंगे।
