
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने आपदा जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। पहाड़ों पर बसे कई गांव जमीन धंसने से प्रभावित हो रहे हैं। मकानों और खेतों में दरारें पड़ चुकी हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे समेत कई राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी दरारें आ गई हैं। इससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
रातोंरात घर छोड़ने को मजबूर ग्रामीण
चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी और पौड़ी गढ़वाल जिलों में हालात ज्यादा गंभीर हैं। यहां कई गांवों में लोग अपने घरों में दरारें देखकर दहशत में आ गए और रातोंरात सुरक्षित स्थानों पर चले गए। कई जगह प्रशासन ने भी ग्रामीणों को एहतियातन घर खाली करने के निर्देश दिए हैं। लगातार बारिश के कारण जमीन खिसक रही है और इससे भविष्य में बड़े हादसों की आशंका बढ़ गई है।
हाईवे और 520 सड़कें बंद
प्रदेशभर में 520 सड़कें आवाजाही के लिए बंद हो गई हैं। लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें पांच राष्ट्रीय राजमार्ग, 27 राज्य मार्ग और 164 ग्रामीण सड़कें शामिल हैं। अकेले अल्मोड़ा जिले में 86 सड़कें बंद हैं, जबकि उत्तरकाशी में 65, चमोली में 53 और पौड़ी जिले में 71 सड़कें बाधित हैं। देहरादून जिले में भी 49 सड़कें बंद होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सड़कों को खोलने में जुटा विभाग
बंद सड़कों को खोलने के लिए लोक निर्माण विभाग और बीआरओ की ओर से 779 मशीनें लगाई गई हैं। विभागीय सचिव पंकज पांडे ने बताया कि हर बंद सड़क को उसी दिन खोलने का लक्ष्य तय किया जाता है, लेकिन लगातार बारिश से काम प्रभावित हो रहा है। कई बार सड़क खोलने के बाद बारिश से फिर से मलबा आ जाता है और मार्ग बाधित हो जाता है। इसके बावजूद टीम लगातार राहत कार्य में जुटी है।
29 पुलों को नुकसान
सिर्फ सड़कें ही नहीं, बल्कि पुल भी बारिश और भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुए हैं। प्रदेश में 29 पुल आंशिक या पूरी तरह टूट गए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा नुकसान उत्तरकाशी जिले में हुआ है, जहां 10 पुल प्रभावित हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग और पीएमजीएसवाई के तहत बनने वाले पुलों को भी भारी क्षति पहुंची है।
15 सितंबर से गड्ढा मुक्त अभियान
प्रदेश सरकार ने 15 सितंबर से सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान शुरू करने की घोषणा की है। प्रमुख अभियंता राजेश शर्मा के मुताबिक 31 अक्तूबर तक लक्ष्य पूरा करने की तैयारी है। हालांकि, मौजूदा हालात और लगातार हो रही बारिश इस अभियान के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं। बारिश का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा और पहाड़ों में दरकते गांव व बंद सड़कें प्रदेश के लिए बड़ी चिंता का कारण बन गए हैं। प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा है, लेकिन लोगों में भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है।