
उत्तराखंड में अब तक के सबसे बड़े चिट फंड घोटाले में एक बड़ा मोड़ सामने आया है। LUCC यानी लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट थ्रिफ्ट कोआपरेटिव सोसाइटी द्वारा किए गए इस फाइनेंशियल फ्रॉड की जांच अब सीबीआई को सौंपी जा सकती है। उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि पुलिस ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट शासन को सौंप दी है और मामले को केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
LUCC घोटाले में अब तक प्रदेश के देहरादून, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जैसे जिलों में 13 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इसके अलावा देश के अन्य राज्यों से भी 70 से अधिक शिकायतें सामने आई हैं। पहले इस मामले की जांच उत्तराखंड CID कर रही थी, लेकिन शिकायतों की संख्या बढ़ने और मामला अंतरराज्यीय स्वरूप लेने के कारण अब इसे CBI को सौंपे जाने की प्रक्रिया तेज हो गई है।
LUCC ने खास तौर पर उत्तराखंड के दूरस्थ पहाड़ी इलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों को निशाना बनाया। बैंकिंग सुविधाओं की कमी का फायदा उठाते हुए कंपनी ने लोन और डबल रिटर्न के झांसे में लोगों को फँसाया। शुरुआत में कुछ लोगों को फायदा देकर विश्वास जीता गया, फिर स्थानीय एजेंटों के ज़रिए बड़े स्तर पर निवेश कराया गया। लेकिन जब निवेश करोड़ों में पहुंचा, तो कंपनी फरार हो गई।
प्रदेशभर में इसके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं और राजनीतिक गलियारों में भी इस पर घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार को घेरा है और कई नेताओं पर मिलीभगत के आरोप लगाए हैं