देहरादून, 22 सितंबर 2025: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में पुलिस ने बड़े खुलासे किए हैं। एसएसपी अजय सिंह ने पत्रकारवार्ता में बताया कि इस मामले में अब तक तीन प्रमुख लोगों की भूमिका सामने आई है। इसमें मुख्य आरोपी अभ्यर्थी खालिद मलिक, उसकी बहन हीना और एक सहायक प्रोफेसर सुमन शामिल हैं। दोनों महिलाओं से पूछताछ जारी है।
एसएसपी ने स्पष्ट किया कि पेपर लीक का मामला व्यापक नहीं है और केवल कुछ लोगों के बीच ही यह जानकारी पहुंची। इस वजह से पूरी परीक्षा की शुचिता पर सवाल खड़ा नहीं होता। जांच में यह सामने आया कि हरिद्वार के एक सेंटर से एक अभ्यर्थी के लिए सिर्फ एक सेट का पेपर बाहर आया। खालिद ही उस परीक्षा सेंटर में बैठा था और पेपर बाहर निकलने का उद्देश्य सीधे उसके पास सवालों के जवाब पहुंचाना था।
जांच के अनुसार, खालिद ने पेपर के स्क्रीनशॉट अपनी बहन हीना को भेजे। हीना ने उन स्क्रीनशॉट्स को सहायक प्रोफेसर सुमन तक पहुंचाया और उनसे सवालों के उत्तर मांगे। सुमन ने शुरुआत में जवाब भेज दिए, लेकिन बाद में शक होने पर पुलिस के पास जाने की तैयारी करने लगीं। इस बीच, उनकी बातचीत बॉबी पंवार के साथ हुई, जिसने उन्हें पुलिस तक जाने से रोकने की कोशिश की।
एसएसपी ने कहा कि इस मामले की तीन प्रमुख कड़ियों का खुलासा हो चुका है। अब यह जांच का विषय है कि प्रोफेसर सुमन इसमें इरादतन शामिल थीं या वे साजिश का शिकार बनीं। खालिद से पूछताछ में इस बात की पुष्टि होगी।
राज्य पुलिस ने रायपुर थाने में उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश 2023 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर संदिग्धों के संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि देर रात तक खालिद को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
एसएसपी ने यह भी कहा कि खालिद और उनके संपर्क में आए अन्य
छात्रों की तलाश जारी है। जांच पूरी होने के बाद स्पष्ट होगा कि इस पेपर लीक के पीछे कोई और गिरोह शामिल है या नहीं। फिलहाल यह मामला केवल कुछ लोगों तक सीमित बताया जा रहा है।
इस बीच, UKSSSC पेपर लीक के विरोध में कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में प्रदर्शन की चेतावनी दी है। वे उत्तराखंड सरकार और आयोग का पुतला फूंककर विरोध जताने वाले हैं। इस मामले ने राज्य की सियासत में भी हलचल मचा दी है, क्योंकि जनता के बीच सवाल उठ रहे हैं कि आखिर परीक्षा की शुचिता और सरकारी भर्ती प्रक्रिया में इस तरह की चूक कैसे हुई।
इस मामले की पूरी पड़ताल अब न्यायिक और पुलिस जांच के तहत होगी, ताकि दोषियों को सख्त सजा दी जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
