रामनगर(नैनीताल): नैनीताल के रामनगर क्षेत्र में रविवार को बच्चों की नादानी ने उन्हें खतरे में डाल दिया। दिवाली के पटाखों से खेलते समय 3 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए जिनमें से एक की हालत नाजुक बनी हुई है। पूरे इलाके में घटना के बाद डर और शोक का माहौल है।
जानकारी के अनुसार घटना 2 नवंबर को कानियां गांव में हुई। चार बच्चे नादानी में बचे हुए पटाखों का बारूद इकट्ठा कर उसे बोतल में भरकर खेल रहे थे। इसी दौरान एक बच्चे ने बोतल में आग लगा दी जिससे तेज धमाका हो गया।
इस विस्फोट में मोहन रौतेला (9 वर्ष, पुत्र नंदन सिंह रौतेला) सबसे अधिक प्रभावित हुए। उनके एक हाथ का कलाई से नीचे हिस्सा अलग हो गया। साथ ही, मनीष सैनी और भानु सैनी को भी हल्की चोटें आई हैं। धमाके के तुरंत बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे और बच्चों को राम दत्त संयुक्त चिकित्सालय, रामनगर ले जाया गया। डॉक्टरों ने मोहन रौतेला को गंभीर स्थिति देखते हुए हायर सेंटर उच्च चिकित्सालय रेफर कर दिया। अन्य दोनों बच्चों का उपचार रामनगर अस्पताल में जारी है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि अक्सर बच्चे पटाखों के बारूद से खेलते हैं, जो बेहद खतरनाक है। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि पटाखा दुकानों पर सख्त निगरानी रखी जाए और ऐसे पटाखे न बेचे जाएं जिनसे बारूद इकट्ठा करना आसान हो। घटना के बाद पूरे गांव में मातम सा माहौल है। मोहन छठी कक्षा में पढ़ता है और घर के पास दोस्तों के साथ खेल रहा था। परिजन अभी भी सदमे में हैं और बच्चे की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। कोतवाल सुशील कुमार ने बताया कि जांच जारी है और अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बच्चों को पटाखों का बारूद कहां से मिला। उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों को पटाखों और बारूद जैसी वस्तुओं से दूर रखें।
डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बारूद या पटाखों के अवशेषों से खेलना बेहद जोखिम भरा होता है। उन्होंने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और उन्हें ऐसे खतरनाक खेलों से रोकें।
