
उत्तराखंड शासन ने सरकारी कर्मचारियों के लिए आचरण नियमों को और अधिक कड़ा कर दिया है। अब राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों को 5000 रुपये से अधिक के किसी भी सामान की खरीद से पहले अपने अधिकारी को जानकारी देनी होगी। इतना ही नहीं, अगर कोई कर्मचारी अपने नाम या परिवार के नाम से कोई अचल संपत्ति यानी ज़मीन-जायदाद खरीदता है, तो उसे इसकी पूर्व सूचना भी विभागाध्यक्ष को देनी अनिवार्य कर दी गई है।
मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन की ओर से इस संबंध में सभी प्रमुख सचिवों, मंडलायुक्तों, सचिवों, विभागाध्यक्षों और जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर इस नियमावली के सख्त अनुपालन के निर्देश दिए गए हैं। यह नियम “उत्तराखंड राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली 2022” के तहत लागू किया गया है, जिसमें कर्मचारियों के आचरण और संपत्ति से जुड़ी पारदर्शिता को सुनिश्चित करने की बात कही गई है।
नियमों के अनुसार, कोई भी सरकारी कर्मचारी अपनी मासिक वेतन की राशि या 5000 रुपये (जो भी कम हो) से अधिक की चल संपत्ति जैसे टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एसी आदि की खरीद से पहले अपने अधिकारी को सूचित करेगा। इसके साथ ही कर्मचारियों को नियुक्ति के समय और हर पांच वर्षों के अंतराल पर अपनी अचल संपत्ति की घोषणा करनी होगी। अधिकारी चाहें तो कभी भी कर्मचारी से उसकी सभी चल और अचल संपत्ति का विवरण मांग सकते हैं।
इतना ही नहीं, कर्मचारी को यह भी स्पष्ट करना होगा कि संपत्ति किस स्रोत से अर्जित की गई है। बिना पूर्व जानकारी दिए कोई भी बड़ा लेन-देन अब नियम विरुद्ध माना जाएगा। सरकार ने साफ निर्देश दिए हैं कि इन नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए।
इस नए आदेश को पारदर्शिता बढ़ाने और कर्मचारियों की आर्थिक गतिविधियों पर निगरानी बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया अहम कदम माना जा रहा है।