उत्तराखंड अवैध असलहा रखने के मामलों में हिमालयी राज्यों में सबसे आगे है और देश में सातवें नंबर पर है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 1767 लोगों के खिलाफ असलहा रखने के मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया। इनमें 1184 लोग अवैध असलहों के साथ पकड़े गए जबकि केवल चार लोग वैध असलहा लेकर पाए गए।
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि अवैध असलहों का प्रयोग आपराधिक वारदातों में किया जा रहा है। सबसे अधिक हत्याएं और जानलेवा हमले हथियारों से हुई हैं। खासकर ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जिलों में छोटी-छोटी बातों को लेकर गोली चलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इस दौरान इंटरनेट और सोशल मीडिया पर असलहों को वायरल करना आम हो गया है, जिससे युवाओं में हथियार रखने का शौक बढ़ रहा है।
NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में हिंसक अपराधों की संख्या भी बढ़ी है। वर्ष 2021 में हिंसक अपराधों के 3162 मामले दर्ज हुए थे, जो 2022 में बढ़कर 3923 और 2023 में 3570 हो गए। पुलिस ने वर्ष 2023 में मात्र 58 प्रतिशत मामलों में ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की, जबकि अधिकांश मामले लंबित रहे।
अवैध असलहों की फैक्ट्री और जाँच के दौरान पुलिस ने तराई के जंगलों में कई बार अवैध हथियार बनाने वाली फैक्ट्रियां पकड़ी हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों से भी हथियार चोरी-छिपे उत्तराखंड में पहुंच रहे हैं।
राज्य में पुलिस की कार्रवाई जारी है। पुलिस महानिरीक्षक डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने स्पष्ट किया कि अवैध असलहा रखने और गुंडागर्दी करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अपराधी चाहे कोई भी हो, उन्हें सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।
एनसीआरबी रिपोर्ट में अन्य हिमालयी राज्यों के आंकड़े भी सामने आए हैं। हिमाचल प्रदेश में 24 मामलों में 4 अवैध असलहा बरामद हुए, अरुणाचल प्रदेश में 15 मामलों में 10, नागालैंड में 74 मामलों में 73, मणिपुर में 89 मामलों में 81 और मिजोरम में 29 मामलों में 25 अवैध हथियार पाए गए।
उत्तराखंड पुलिस लगातार कार्रवाई कर प्रदेश में अवैध असलहा रखने वालों पर शिकंजा कस रही है। अधिकारियों का कहना है कि जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है और कोई भी अपराधी कानून के दायरे से बाहर नहीं रहेगा।
