
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद अब राजनीतिक सरगर्मी जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पद के चुनाव को लेकर तेज हो गई है। दोनों प्रमुख दल, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस, पार्टी समर्थित प्रत्याशियों को जिताने के लिए रणनीति बनाने में जुट गए हैं।
रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने त्रिस्तरीय पंचायत नतीजों और आगामी जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख पद के चुनाव पर गहन चर्चा की। बैठक में भाजपा प्रदेश महामंत्री अजेय कुमार भी मौजूद रहे। भाजपा की ओर से स्पष्ट संकेत दिए गए हैं कि पार्टी निर्दलीय और बागी विजेताओं का समर्थन जुटाकर जिला पंचायत अध्यक्ष पद अपने पक्ष में करने का प्रयास करेगी।
देहरादून जिले में सात सीटों पर भाजपा समर्थित, 13 पर कांग्रेस समर्थित और 10 पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं। भाजपा का दावा है कि कई निर्दलीय उम्मीदवार विचारधारा से उनके करीब हैं, इसलिए वे पार्टी के पक्ष में आ सकते हैं। इसी रणनीति को आगे बढ़ाते हुए पार्टी ने सभी जिलों में वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी दी है और पर्यवेक्षक तैनात कर दिए हैं।
दूसरी ओर कांग्रेस ने भी मोर्चा संभाल लिया है। प्रदेश उपाध्यक्ष (संगठन) सूर्यकांत धस्माना ने जानकारी दी कि पार्टी की ओर से पहले से ही सभी जिलों में पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए थे, जिन्होंने संभावित उम्मीदवारों की रिपोर्ट प्रदेश मुख्यालय को भेजनी शुरू कर दी है। कांग्रेस का कहना है कि पारदर्शी चुनाव हुए तो जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पदों पर बड़ा उलटफेर हो सकता है। धस्माना ने भाजपा पर धनबल के प्रयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन जनता सच जानती है और लोकतंत्र में सच्चाई की जीत तय है।