
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर बनी असमंजस की स्थिति अब साफ हो गई है। 14 जुलाई को नैनीताल हाईकोर्ट में हुई अहम सुनवाई के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने पहले चरण की चुनावी प्रक्रिया को फिर से शुरू कर दिया है। हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत चुनाव चिन्ह आवंटन की प्रक्रिया दोपहर 2 बजे से प्रारंभ हो गई।
इससे पहले, आयोग ने 13 जुलाई को एहतियातन फैसला लेते हुए चिन्ह आवंटन को अस्थायी रूप से दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया था, क्योंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन था।
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 11 जुलाई को दिए अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि पंचायत चुनाव की संपूर्ण प्रक्रिया पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। कोर्ट ने केवल 6 जुलाई को निर्वाचन आयोग द्वारा जारी उस निर्देश पर रोक लगाई थी, जिसमें शहरी और ग्रामीण, दोनों मतदाता सूचियों में नाम होने पर भी व्यक्ति को मतदान और चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई थी।
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने बताया कि अदालत की स्पष्टता के बाद आयोग ने जारी अधिसूचना के अनुरूप चुनावी गतिविधियों को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसी के तहत 14 जुलाई को दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक प्रत्याशियों को चिन्ह आवंटित किए गए, जबकि शेष आवंटन प्रक्रिया 15 जुलाई की सुबह 8 बजे से पूरी की जाएगी।
गौरतलब है कि 6 जुलाई को आयोग द्वारा जारी सर्कुलर में दोहरी मतदाता सूची में दर्ज नाम वाले लोगों को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी गई थी, लेकिन यह प्रावधान उत्तराखंड पंचायत राज अधिनियम की धाराओं 9(6) और 9(7) के विपरीत था। हाईकोर्ट ने इसी आधार पर इस सर्कुलर को स्थगित कर दिया था, जिससे चुनावी प्रक्रिया पर असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
13 जुलाई को निर्वाचन आयोग ने हाईकोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दाखिल कर आदेश में संशोधन की अपील की थी। 14 जुलाई को हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने स्पष्ट किया कि चुनाव प्रक्रिया को अधिनियम और पूर्व अधिसूचना के अनुसार आगे बढ़ाया जा सकता है, अब चुनाव चिन्हों के वितरण के साथ ही पंचायत चुनाव की पहली चरण की प्रक्रिया पटरी पर लौट आई है।