
उत्तराखंड के 27 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को एक बार फिर झटका लग सकता है। उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने बिजली दरों में 5.82 प्रतिशत की बढ़ोतरी की मांग करते हुए उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (UERC) में समीक्षा याचिका दाखिल की है। अगर आयोग इस मांग को स्वीकार करता है, तो उपभोक्ताओं की जेब और हल्की हो जाएगी।
यूपीसीएल ने यह याचिका 11 अप्रैल 2025 को जारी टैरिफ आदेश की समीक्षा के लिए दायर की है। उल्लेखनीय है कि उस आदेश में पहले ही बिजली दरों में 5.62 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, लेकिन आयोग ने उसमें कुछ कटौती कर दी थी। अब यूपीसीएल का तर्क है कि पूर्व के खर्चों और आगामी वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के लिए उसे अतिरिक्त ₹674.77 करोड़ की आवश्यकता है, जो उपभोक्ताओं से वसूले जाने हैं।
किस मद में कितना खर्च:
यूपीसीएल के मुताबिक, पावर खरीद, लोन पर ब्याज, मरम्मत-रखरखाव, कार्यशील पूंजी पर ब्याज जैसे मदों में भारी खर्च हुआ है।
खर्च का नाम | 2023-24 | 2025-26 | कुल खर्च (₹ करोड़) |
---|---|---|---|
पावर खरीद खर्च | 74.86 | 74.86 | 149.72 |
लोन पर ब्याज | 42.45 | 37.49 | 79.93 |
वर्किंग कैपिटल पर ब्याज | 129.09 | 129.09 | 258.18 |
मरम्मत व रखरखाव खर्च | 82.27 | 82.27 | 164.54 |
अन्य मद (लेवी आदि) | – | – | 59.43 |
जनसुनवाई 5 अगस्त को
नियामक आयोग के सचिव नीरज सती ने बताया कि इस याचिका पर 5 अगस्त को सुबह 11:30 बजे देहरादून स्थित आयोग कार्यालय में जनसुनवाई होगी। आम उपभोक्ता 1 अगस्त तक अपने सुझाव भेज सकते हैं।
सुझाव निम्न पते या ईमेल पर भेजे जा सकते हैं:
सचिव, UERC, माजरा, देहरादून – 248171
ईमेल: secy.uerc@gov.in
असर क्या होगा?
अगर याचिका मंजूर होती है, तो अप्रैल 2025 से बिजली दरें 5.82% तक बढ़ सकती हैं। इससे घरेलू और वाणिज्यिक दोनों श्रेणी के उपभोक्ताओं पर असर पड़ेगा।
बिजली दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी पर अब फैसला नियामक आयोग को लेना है, लेकिन इससे पहले आम जनता की राय भी सुनी जाएगी। सवाल है—क्या आम जनता फिर बढ़ती बिजली दरों को झेलने को तैयार है?