
भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में मंगलवार से शुरू हुए चार दिवसीय उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया। कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी के साथ-साथ सदन में टेबल तक पलट दी। हंगामे के कारण कार्यवाही को दिनभर में सात बार स्थगित करना पड़ा।
इस बीच, शाम को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विपक्षी शोर-शराबे के बीच ही 5315 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट सदन पटल पर रखा। बजट के साथ नौ अहम विधेयक भी प्रस्तुत किए गए। हंगामे और विपक्षी विरोध के बीच ही कार्यवाही पूरी करने के बाद सदन को बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
ये नौ विधेयक हुए पेश
- उत्तराखंड विनियोग 2025-26 का अनुपूरक विधेयक
- उत्तराखंड उत्तर प्रदेश श्री बदरीनाथ तथा श्री केदारनाथ मंदिर अधिनियम 1939 संशोधन विधेयक
- उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता एवं विधि विरुद्ध प्रतिषेध संशोधन विधेयक
- उत्तराखंड निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक
- उत्तराखंड साक्षी संरक्षण निरसन विधेयक
- उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक
- समान नागरिक संहिता उत्तराखंड संशोधन विधेयक
- उत्तराखंड पंचायती राज संशोधन विधेयक
- उत्तराखंड लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक
सख्त सुरक्षा, लागू धारा 163
भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर और आसपास के क्षेत्रों में सत्र को देखते हुए धारा 163 लागू की गई है। इसके तहत प्रदर्शनों पर पूरी तरह रोक है। सुरक्षा व्यवस्था में 804 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
विपक्ष का हंगामा
कांग्रेस ने सरकार को बेरोजगारी, महंगाई और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर कटघरे में खड़ा किया। विपक्षी विधायकों का आरोप था कि सरकार जनहित के सवालों से भाग रही है और जवाब देने से बच रही है।
सरकार का रुख
सीएम धामी ने बजट पेश करते हुए कहा कि यह अनुपूरक बजट राज्य के विकास कार्यों और जनकल्याण योजनाओं को गति देगा। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वचनबद्ध है। पहले ही दिन हुए हंगामे ने संकेत दे दिए हैं कि मानसून सत्र के बाकी दिन भी टकराव और तीखी बहसों से भरपूर रहने वाले हैं।