देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की सहकारी निरीक्षक भर्ती परीक्षा से पहले एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। मोदीनगर निवासी सुरेंद्र नामक युवक को एसओजी ने गिरफ्तार किया है। आरोपी ने परीक्षा देने के लिए पांच तरह से धोखाधड़ी कर आवेदन किए थे।
जांच में सामने आया कि सुरेंद्र ने अपनी उम्र कम दिखाने के लिए दो बार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा दी। इसके बाद उसने नए दस्तावेजों के आधार पर स्नातक भी दोबारा किया। आरोपी ने तीन अलग-अलग मोबाइल नंबर और जानकारियों के आधार पर देहरादून, टिहरी और हरिद्वार जिलों से आवेदन किया था। यही नहीं, उसने देहरादून के पते पर एक फर्जी स्थायी प्रमाणपत्र भी बनवाया था।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पांच अक्तूबर को प्रस्तावित परीक्षा से पहले ही आरोपी की पहचान कर ली गई थी। शुक्रवार को रायपुर थाने में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। पूछताछ में उसने माना कि उसने दस्तावेज बदलकर और फर्जी प्रमाणपत्र तैयार कर परीक्षा में शामिल होने की कोशिश की थी।
कैसे किया फर्जीवाड़ा:
- उम्र घटाने के लिए हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा दोबारा दी।
- 2012 में बीए करने के बाद, 2018 में हिमाचल से नए दस्तावेजों पर फिर से बीए किया।
- बालावाला देहरादून के पते पर फर्जी स्थायी प्रमाणपत्र बनवाया।
- तीन आवेदनों में पिता का नाम अलग-अलग लिखा।
- सेवायोजन विभाग की फर्जी इंप्लाई आईडी बनाई।
आयोग ने एक आवेदन को संदिग्ध पाकर एसओजी से जांच कराई थी। इसी दौरान सुरेंद्र की असलियत खुल गई। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि आरोपी ने ये फर्जी दस्तावेज कहां और कैसे बनवाए। इस कार्रवाई से आयोग को एक बार फिर परीक्षा की पारदर्शिता बनाए रखने में राहत मिली है।
