अल्मोड़ा: जागेश्वर धाम का शांत और पवित्र वातावरण एक अनोखे नज़ारे का गवाह बना। महा मृत्युंजय मंदिर में एक परिवार नवजात बच्चे के ‘असल बाप’ का फैसला करवाने पहुंचा…लेकिन मामला इतना बढ़ गया कि मंदिर परिसर मिनटों में हलचल और शोरगुल का केंद्र बन गया।
परिवार में लंबे समय से नवजात के पितृत्व को लेकर विवाद चल रहा था। सास का आरोप था कि बच्चा उसका पोता नहीं, बल्कि बहू के कथित प्रेमी का है। वहीं कथित प्रेमी भी पूरी आत्मविश्वास के साथ मंदिर में परिवार के साथ मौजूद था। सास का कहना था कि उसने कई बार बहू को प्रेमी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा।
इसके जवाब में बहू ने कहा, “सारा सच डीएनए बताएगा। मंदिर में परंपरा के अनुसार सत्य सिद्ध करने के लिए महा मृत्युंजय के समक्ष जल पीना पड़ता है। सास ने बिना झिझक जल पीने की हामी भर दी, लेकिन बहू ने स्पष्ट किया कि अब केवल डीएनए ही सच बताएगा।
इस पर सास का गुस्सा बढ़ गया और दोनों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। कुछ ही समय में मामला इतना गरमाया कि मंदिर में मौजूद श्रद्धालु स्तब्ध रह गए। आरोपों और चिल्ल-पुकार के बीच पुजारियों को बीच-बचाव करना पड़ा और सभी को मंदिर से बाहर कर शांति स्थापित की गई।
जागेश्वर धाम जैसे शांत और पवित्र स्थल पर इस तरह का नाटक देखकर श्रद्धालु इसे दिनभर चर्चा का विषय बनाते रहे। इस घटना ने दिखा दिया कि कभी-कभी सबसे पवित्र स्थल भी जीवन के सबसे जटिल और अप्रत्याशित विवादों का गवाह बन सकते हैं।
