हल्द्वानी: पंजाब के मानसा जिले से स्कूली बच्चों को लेकर आए एक बस चालक की लापरवाही से बड़ा हादसा होते-होते टल गया। चालक नशे में धुत होकर बस चला रहा था, लेकिन परिवहन विभाग की सतर्कता से समय रहते बस को रोक लिया गया।
कालाढूंगी-नैनीताल मार्ग पर एआरटीओ जितेंद्र सांगवान की टीम सोमवार को वाहनों की नियमित चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान बैलपड़ाव की ओर से आ रही एचआर 37डी-9675 नंबर की बस ने टीम को नजरअंदाज करते हुए रफ्तार बढ़ा दी। शक होने पर एआरटीओ ने टीम के साथ बस का पीछा किया और नयागांव के पास पुलिस की मदद से बस को रोका गया।
जांच में पता चला कि बस में पंजाब के मानसा जिले के 45 बच्चे और उनके शिक्षक सवार थे। चालक कुलदीप (निवासी पटियाला) शराब के नशे में पाया गया। एल्कोमीटर जांच में उसके खून में 550 एमएल/100एमजी एल्कोहल पाई गई, जबकि नियम के अनुसार 30 एमएल से अधिक मात्रा में शराब पाए जाने पर चालान की कार्रवाई होती है।
बस के कागजात अधूरे थे फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं था और टैक्स भी जमा नहीं था। एआरटीओ सांगवान ने बस को कालाढूंगी कोतवाली में सीज कर दिया और चालक का चालान किया गया। बच्चों को सुरक्षित उनके होटल तक पहुंचाया गया।
एआरटीओ जितेंद्र सांगवान ने बताया कि चालक को पकड़ने से लेकर थाने तक पहुंचाने में करीब साढ़े तीन घंटे लगे। बच्चे और शिक्षक डरे हुए थे…लेकिन टीम ने उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने कहा, “अगर समय पर बस नहीं रोकी जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था।
कानूनी कार्रवाई:
मामले में चालक पर मोटर वाहन अधिनियम की धारा 184 के तहत कार्रवाई की गई है। इसके तहत छह महीने की कैद और 10 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। चालक का ड्राइविंग लाइसेंस छह माह के लिए निलंबित कर दिया गया है।
