
उत्तराखंड में नशा नियंत्रण को लेकर राज्य सरकार सक्रिय हो गई है, इसी क्रम में मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में एंटी ड्रग्स कैंपेन की समीक्षा बैठक आयोजित की गई, बैठक में नशा मुक्ति को लेकर राजधानी देहरादून के तकनीकी, मेडिकल और उच्च शिक्षण संस्थानों में चल रही कार्रवाई को अपर्याप्त बताते हुए मुख्य सचिव ने नाराजगी जताई।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी शिक्षण संस्थानों और उनके आसपास मौजूद रेस्टोरेंट, ढाबों और अन्य स्थलों पर औचक छापेमारी की जाए, नशा करने वालों के मेडिकल परीक्षण के साथ-साथ उनके सैंपल भी लिए जाएं। मुख्य सचिव ने कहा कि सभी शिक्षण संस्थानों को एनडीपीएस एक्ट के तहत अपनी जिम्मेदारी निभाने को कहा जाए और जो संस्थान इस अभियान को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
उन्होंने निर्देश दिया कि केवल विजिल ब्लोअर्स की सूचना पर निर्भर न रहते हुए अधिकारी खुद भी सक्रिय भूमिका निभाएं और समय-समय पर औचक कार्रवाई करें। साथ ही ड्रग पैडलरों और नशा करने वालों की पहचान कर कार्रवाई करें।
इसके अतिरिक्त उन्होंने समाज में जागरूकता फैलाने पर भी जोर दिया, उन्होंने कहा कि सभी शिक्षण संस्थानों में सिविल सोसाइटी, महिला समूहों, युवाओं और गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से जागरूकता अभियान चलाए जाएं साथ ही सोशल मीडिया का भी अधिकतम उपयोग कर नशा विरोधी संदेशों का प्रसार किया जाए।
बैठक में पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार, डीआईजी निवेदिता कुकरेती, देहरादून जिलाधिकारी सबिन बंसल, एसएसपी देहरादून अजय कुमार और एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।