
उत्तराखंड में लगातार बारिश का असर चारधाम यात्रा पर गहराता जा रहा है। ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सिरोहबगड़ के पास बुधवार देर रात भारी मलबा आने से बाधित हो गया, जिससे बदरीनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को रुकना पड़ा। वहीं, केदारनाथ यात्रा मार्ग पर बारिश के कारण सोनप्रयाग में यात्रियों को कुछ समय के लिए रोका गया।
सबसे अधिक परेशानी यमुनोत्री धाम की ओर जाने वाले यात्रियों को हो रही है। ओजरी के पास मलबा आने के कारण यमुनोत्री हाईवे लगातार 12वें दिन भी बंद रहा। राजमार्ग निर्माण खंड की ओर से यहां बैली ब्रिज तैयार किया जा रहा है। ईई मनोज रावत ने जानकारी दी कि ब्रिज पर डेग प्लेट बिछाई जा रही है और इसे दोपहर बाद तक यातायात के लिए खोलने की संभावना है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, भारी बारिश और भूस्खलन के चलते प्रदेशभर में 87 सड़कें अब भी बंद हैं। चमोली में 17, बागेश्वर में 9, अल्मोड़ा में 1, चंपावत में 3, देहरादून में 5, नैनीताल में 7, पौड़ी में 6, पिथौरागढ़ में 15, रुद्रप्रयाग में 4 और टिहरी में 8 सड़कें बाधित हैं। उत्तरकाशी जिले में एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 12 सड़कें अब भी बंद हैं।
इधर, मौसम विभाग ने देहरादून, रुद्रप्रयाग, नैनीताल और बागेश्वर जिलों के कुछ हिस्सों में गुरुवार को तेज बारिश की चेतावनी जारी की है। येलो अलर्ट के तहत लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। चारधाम यात्रा के बीच खराब मौसम और भूस्खलन ने प्रशासन और तीर्थ यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सरकार ने सभी जिलों के प्रशासन को अलर्ट पर रहने और तत्काल राहत कार्यों के लिए टीमों को तैनात रखने के निर्देश दिए हैं।