नैनीताल जिले के रामगढ़ तहसील के राजस्व उपनिरीक्षक (Patwari) प्रकाश चंद्र को रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई जिला मजिस्ट्रेट (DM) नैनीताल वंदना ने की है। मामले में उपलब्ध ऑडियो और शिकायत की प्राथमिक जांच में आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए जाने के बाद प्रशासन ने यह कदम उठाया।
सूत्रों के अनुसार, फेसबुक पर वायरल हुए ऑडियो में प्रकाश चंद्र की आवाज है, जिसमें वह सरकारी कामकाज में देरी और भूमि के खसरा देने के एवज में 25 हजार से 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगते हुए सुने गए। डीएम ने बताया कि निलंबन के दौरान राजस्व उपनिरीक्षक तहसील खनस्यूं में जुड़े रहेंगे, लेकिन उनकी सामान्य कार्यवाही पर रोक रहेगी।
जिला प्रशासन ने इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया है। डीएम वंदना ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार के मामलों में प्रशासन जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रहा है और दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। विभागीय जांच भी इस प्रकरण के तहत शुरू कर दी गई है, जिसमें पूरे मामले की सत्यता और अन्य जुड़े अधिकारियों की भूमिका का विश्लेषण किया जाएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के मामलों में प्रशासन का त्वरित और कड़ा कदम जनता के बीच विश्वास बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। जिले में राजस्व सेवाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करने और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ऐसे कड़े निर्णय आवश्यक माने जा रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन की कार्रवाई का स्वागत
किया है और कहा कि यह कदम अन्य सरकारी कर्मचारियों के लिए चेतावनी के रूप में काम करेगा। डीएम ने अधिकारियों और कर्मचारियों से निर्देश दिए हैं कि वे अपने कार्यक्षेत्र में ईमानदारी और जवाबदेही बनाए रखें।
प्रशासन का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद दोषी पाए जाने पर आगे की कार्रवाई के साथ-साथ संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से भ्रष्टाचार मुक्त सेवाओं के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस मामले ने एक बार फिर भ्रष्टाचार पर निवारक कदम उठाने की आवश्यकता को उजागर किया है और यह दिखाया है कि उत्तराखंड प्रशासन ऐसे मामलों में त्वरित और कड़ा रुख अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
