उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले ने राज्यभर में सुर्खियां बटोरी हैं। पुलिस ने लंबे समय से फरार चल रहे मास्टरमाइंड खालिद मलिक को मंगलवार को हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया। खालिद ने अपनी चालाकी और शॉर्टकट के जरिए परीक्षा का प्रश्नपत्र बाहर पहुंचा दिया।
पुलिस जांच के अनुसार, खालिद ने परीक्षा वाले दिन मुख्य गेट पर कड़ी चेकिंग होने के कारण पीछे खेतों की तरफ बने छोटे गेट का इस्तेमाल किया। उसके पास आईफोन 12 मिनी मोबाइल था, जिसे उसने जुराब से निकालकर परीक्षा कक्ष में प्रवेश किया। उसने पेपर के तीन पन्नों पर 12 प्रश्नों की फोटो खींची और फिर जैमर की रेंज से बचते हुए शौचालय में जाकर व्हाट्सएप के जरिए अपने घर भेजा।
घर पहुंचने के बाद खालिद की बहन साबिया ने फोटो प्रोफेसर सुमन के फोन पर भेजे। प्रोफेसर सुमन का खालिद से परिचय 2018 में हुआ था, जब वह ऋषिकेश नगर निगम में टैक्स इंस्पेक्टर के रूप में तैनात थी। खालिद ने परीक्षा की तैयारी के दौरान प्रोफेसर से कहा था कि उसकी बहन परीक्षा देगी और उसे मदद दी जाए। उसने यह नहीं बताया कि वह स्वयं परीक्षा दे रहा है।
सूत्रों के अनुसार, रविवार को परीक्षा केंद्र बहादरपुर जट स्थित बाल सदन इंटर कॉलेज में मुख्य गेट पर कड़ी चेकिंग चल रही थी। खालिद ने चतुराई से छोटे गेट से प्रवेश कर जुराब से फोन निकालकर प्रश्नपत्र की फोटो खींच ली। तीन पन्नों के 12 प्रश्नों की फोटो खींचने में वह सफल रहा और शौचालय से घर वाले मोबाइल पर भेज दिया।
हाल ही में खालिद ने आउटसोर्स के माध्यम से आईआईपी मोहकमपुर में डाटा एंट्री ऑपरेटर की नौकरी पाई थी। इससे पहले वह देहरादून में सीपीडब्ल्यूडी में संविदा के तहत अवर अभियंता के रूप में कार्यरत था, लेकिन दो साल पहले उसकी सेवा समाप्त हो गई थी। खालिद लगातार प्रतियोगी परीक्षाएं दे रहा था और इसी दौरान उसने पेपर लीक का जाल रचा।
इस पूरे मामले ने परीक्षा प्रक्रिया, सुरक्षा व्यवस्था और यूकेएसएसएससी की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस अब पूरे मामले की तह तक जाकर सभी साजिशकर्ताओं की पहचान कर कड़ी कार्रवाई कर रही है।
