
बीते दो वर्षों से जून का महीना रुद्रप्रयाग जनपद के लिए जख्मों का महीना साबित हो रहा है। लगातार दूसरे वर्ष जून में जिले में टेंपो-ट्रेवलर दुर्घटना का शिकार हुआ है और इस बार तो हताहतों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। इस महीने के शुरुआती बारह दिनों में ही जनपद में अलग-अलग दुर्घटनाओं में कुल 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें हाल ही में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश हादसे में मारे गए सात लोग भी शामिल हैं।
जून का महीना आमतौर पर गर्मियों की छुट्टियों और चारधाम यात्रा के लिए जाना जाता है, जब लोग अपनों से मिलने और पवित्र धामों के दर्शन करने के लिए आवाजाही करते हैं। हालांकि, रुद्रप्रयाग के लिए यह महीना पिछले दो वर्षों से दुखों का पर्याय बन गया है।
इस साल जून में केदारनाथ यात्रा के दौरान कई घटनाएं हुईं
7 जून को केदारघाटी के बडासू में क्रिस्टल हेली कंपनी के हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई, जिसमें पायलट सहित छह लोगों की जान बाल-बाल बच गई थी। 15 जून की सुबह केदारनाथ से गुप्तकाशी आते हुए आर्यन हेली कंपनी का हेलिकॉप्टर गौरी माई खर्क में क्रैश हो गया। इस हादसे में एक मासूम बच्ची सहित सात लोग काल का ग्रास बन गए और मृतकों की शिनाख्त भी अंगूठी, कंगन, चेन या घड़ी जैसी व्यक्तिगत वस्तुओं से करनी पड़ी।
इन हादसों के जख्म अभी ताजा ही थे कि गुरुवार को ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर यात्रियों से भरा एक टेंपो-ट्रैवलर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस वाहन में सभी लोग एक ही कुटुंब-परिवार के थे और वे पहली बार चारधाम यात्रा पर आए थे। उनकी खुशी यात्रा पूरी होने से पहले ही चीख-पुकार में बदल गई।
वाहन अलकनंदा नदी में समा चुका है और उसका कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है। इस हादसे में तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि नौ लोग नदी के तेज बहाव में बह कर लापता हैं। इसके अलावा, जिला मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर हुए एक अन्य वाहन हादसे में एक बैंक कर्मी की दर्दनाक मौत हो गई। पिछले वर्ष भी 15 जून को जिला मुख्यालय के समीप रैंतोली में एक टेंपो-ट्रेवलर दुर्घटनाग्रस्त होकर नदी किनारे गिर गया था। यह वाहन दिल्ली से चोपता-तुंगनाथ जा रहा था। उस हादसे में 10 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, वहीं पांच ने एम्स में दम तोड़ दिया था।
लगातार हो रहे ये हादसे जून महीने को रुद्रप्रयाग के लिए एक ब्लैक मंथ बना रहे हैं, जो यात्रा सुरक्षा और पहाड़ी मार्गों पर अधिक सावधानी की आवश्यकता पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।