पावन महानवमी के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी वर्ष के पूर्व दिवस पर विशेष स्मारक डाक टिकट और स्मारक सिक्का जारी किया। इस मौके पर हरिद्वार सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी कार्यक्रम में सहभाग कर अपनी भावनाएं साझा कीं।

सांसद त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनना उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि संघ की सौ वर्ष की सतत साधना राष्ट्रनिर्माण की प्रेरणा है। “सतत साधना के सौ वर्ष, संघ बढ़ता जा रहा है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार के प्रेरक शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा – “कभी एक थे हम, हुए आज इतने… नहीं तब डरे थे, तो अब क्या डरेंगे। हर विपदा में खड़े हैं हम चट्टान बनकर…”। रावत ने कहा कि यह संदेश आज भी समाज और देश के लिए ऊर्जा का स्रोत है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि संघ की शताब्दी यात्रा केवल एक संगठन की यात्रा नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रनिर्माण, आत्मबल और समाजहित की गाथा है। उन्होंने कहा कि संघ ने भारत को नई दिशा, नई ऊर्जा और नई चेतना प्रदान की है, जिसने सामाजिक एकता और राष्ट्रीय गौरव को मजबूत किया है।
इस अवसर पर गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी, भाजपा केंद्रीय कार्यालय प्रभारी महेंद्र पांडेय, पटपड़गंज विधानसभा दिल्ली के विधायक समेत बड़ी संख्या में स्वयंसेवक और गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्मारक टिकट और सिक्के के विमोचन को ऐतिहासिक क्षण बताया गया, जिसने संघ की सौ साल की साधना को अमर कर दिया।
राजनीतिक और सामाजिक विश्लेषकों के अनुसार, संघ की यह शताब्दी यात्रा केवल संगठन की उपलब्धि नहीं, बल्कि देश के विभिन्न वर्गों और समुदायों के बीच एकता और सहयोग की मिसाल है। आने वाले वर्षों में यह यात्रा भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन पर और गहरी छाप छोड़ने की उम्मीद है।
