देहारादून : प्रदेश में निवेश के नाम पर रकम लेकर प्रोजेक्ट अधूरे छोड़ने, तय वादों से मुकरने और ग्राहकों को लूटकर फरार होने वाले बिल्डरों पर अब सरकार सख्त कार्रवाई करने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शासन और मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने बिल्डर गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए नई कड़ी और पारदर्शी नियमावली के मसौदे पर काम तेज कर दिया है।
नई नियमावली लागू होने के बाद बिल्डरों की मनमानी पर पूरी तरह अंकुश लगेगा और निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इसमें निवेशकों का पैसा एस्क्रो अकाउंट में जमा होगा और निर्माण की प्रगति के अनुसार बिल्डरों को किश्तों में जारी किया जाएगा। इससे पैसों के दुरुपयोग और ठगी की घटनाओं पर काबू पाया जा सकेगा।
पिछले चार-पांच वर्षों में विकास प्राधिकरण और पुलिस के पास ऐसे कई मामले आए हैं, जिनमें बिल्डरों ने करोड़ों रुपये लेकर प्रोजेक्ट शुरू किए, लेकिन बीच में ही निर्माण रोक दिया और शहर छोड़कर फरार हो गए। इससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। कई प्रोजेक्ट अधर में हैं, जबकि खरीदार बैंक की ईएमआई और किराया दोनों का बोझ झेल रहे हैं।
नई नियमावली के अनुसार, हर बिल्डर को प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले विकास प्राधिकरण और रेरा में पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। इसके बिना नक्शा स्वीकृत नहीं होगा और विज्ञापन भी जारी नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा, प्रोजेक्ट पूरा किए बिना शहर छोड़ने पर रोक, प्रोजेक्ट की ऑनलाइन मॉनिटरिंग, तय समय पर फ्लैट हैंडओवर न करने पर जुर्माना, और सुविधाएं न देने पर रिफंड और ब्याज जैसी व्यवस्थाएं लागू की जाएंगी।
उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी का कहना है कि नई नियमावली लागू होने के बाद किसी भी बिल्डर को निवेशकों के पैसे लेकर गायब होने नहीं दिया जाएगा। यह कदम बिल्डर सेक्टर में अनुशासन और भरोसे का माहौल बनाएगा और निवेशकों की मेहनत की कमाई सुरक्षित रहेगी।
