हरिद्वार: रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी भगवान सिंह की हत्या का पुलिस और सीआईयू टीम ने बड़े खुलासे के साथ पर्दाफाश कर दिया है। जांच में सामने आया कि हत्या किसी बाहरी बदमाश ने नहीं, बल्कि भगवान सिंह के अपने बेटे यशपाल ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर की थी। करोड़ों की संपत्ति पर कब्जा जमाने की नीयत से बेटे ने पूरे घटनाक्रम की योजना बनाई और अपने पिता को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त तमंचा बरामद कर लिया है।
एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल के अनुसार, 29 नवंबर की रात यशपाल ने कंट्रोल रूम पर कॉल कर पुलिस को गुमराह किया कि वह अपने पिता के साथ शादी में जा रहा था। जटवाड़ा पुल के पास एक व्यक्ति ने लिफ्ट मांगी और कार में बैठते ही पिता को गोली मारकर फरार हो गया। जांच के दौरान यशपाल के बयान लगातार उलझते गए और कई घंटे की पूछताछ के बाद उसने पिता की हत्या अपने और दो दोस्तों के साथ मिलकर करने की स्वीकारोक्ति की।
पुलिस के अनुसार, यशपाल ने अपने दोस्तों ललित मोहन उर्फ राजन और शेखर से सौदा किया था। हत्या के लिए उसे 30 लाख रुपये और एक स्कॉर्पियो देने का प्रस्ताव रखा गया था। तीनों ने दोपहर में रेकी की और रात को योजना के अनुसार जटवाड़ा पुल के पास पिता को कार से उतरवाकर गोली मार दी। घटना के बाद यशपाल ने पुलिस को गुमराह करने के लिए कॉल किया, लेकिन पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को धर दबोचा।
राजन की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त तमंचा, खोखा कारतूस और घटना के समय पहने कपड़े और जूते बरामद किए गए। पुलिस के अनुसार यह घटना एक परिवारिक रंजिश और संपत्ति पर कब्जे की लालच का दर्दनाक परिणाम है।
