
ऋषिकेश: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एम्स ऋषिकेश में आयोजित पांचवें दीक्षांत समारोह में शामिल होकर 434 मेडिकल छात्रों को अपने हाथों से उपाधि दी. जिसके तहत 14 मेडिकल छात्रों को गोल्ड, एक छात्रा को सिल्वर और एक छात्रा को कांस्य पदक से नवाजा।
दीक्षांत समारोह में एमबीबीएस के 98, बीएससी नर्सिंग के 95, बीएससी नर्सिंग (एलाइड हेल्थ साइंस) के 54, एमडी/एमएस और एमडीएस के 109, एमएससी नर्सिंग के 17, एमएससी मेडिकल एलाइड के 1, मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ के 12, डीएम/एमसीएच के 40 और पीएचडी के 8 छात्रों को डिग्रियां दी गईं।
इस मौके पर जेपी नड्डा ने कहा कि आज के दौर में बीमारियाँ तेजी से रूप बदल रही हैं, ऐसे में शोध करने वाले डॉक्टरों की महत्त्वपूर्ण भूमिका बनती है। उन्होंने एम्स ऋषिकेश की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान ने ना सिर्फ मेडिकल शिक्षा बल्कि गंभीर रोगियों के इलाज और रिसर्च में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि एयर एंबुलेंस और हेलीकॉप्टर सेवाओं की मदद से पहाड़ी क्षेत्रों के 309 गंभीर मरीजों को समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि एक समय था जब भारत में सिर्फ एक एम्स था, लेकिन आज देशभर में 23 एम्स कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के कारण विशेष पहचान बना चुका है। इसके साथ ही उन्होंने देश में चल रहे 1.75 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये केंद्र स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में एक मजबूत कड़ी बनकर उभरे हैं।