ऋषिकेश: उत्तराखंड के ऋषिकेश में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को लेकर स्थानीय परिवहन कारोबारियों में नाराजगी है। उत्तराखंड विक्रम टैंपो महासंघ ने शुक्रवार को देहरादून स्थित कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल से मुलाकात की और शहर में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन पर रोक लगाने के लिए ज्ञापन सौंपा।
महासंघ के अध्यक्ष महंत विनय सारस्वत ने कहा कि ऋषिकेश शहर में पहले से ही लगभग 3500 ई-रिक्शा और 1800 विक्रम ऑटो संचालित हैं। इसके अलावा हरिद्वार से पंजीकृत कई श्री व्हीलर भी इन रूटों पर सेवा दे रहे हैं। ऐसे में शहर में नए इलेक्ट्रिक बसों की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि शहर में रोजाना जाम की स्थिति रहती है और इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से यह समस्या और बढ़ सकती है।
महंत विनय ने सुझाव दिया कि शहर में नए ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन जारी रखा जाए, जबकि विक्रम ऑटो की परमिट पर रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से पहले स्थानीय परिवहन व्यवसायियों की सहमति और शहर की ट्रैफिक स्थिति का ध्यान रखना जरूरी है।
मंत्री सुबोध उनियाल ने महासंघ की बात सुनने के बाद समस्या का सकारात्मक समाधान निकालने का आश्वासन दिया। बैठक में विक्रम मलिक चालक संगठन मुनिकीरेती, विक्रम यूनियन तपोवन, नेपाली फार्म विक्रम यूनियन, ऑटो यूनियन, टाटा सुमो यूनियन समेत कई प्रमुख संगठन के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

इस बैठक के बाद शहर में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन पर निर्णय लेने से पहले सभी हितधारकों से विचार विमर्श करने की संभावना बढ़ गई है।
