
उत्तरकाशी जिले के धराली गांव के आपदा प्रभावित ग्रामीण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान भावुक हो उठे। प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को देहरादून दौरे पर थे और राज्य अतिथि गृह जौलीग्रांट में उन्होंने आपदा प्रभावित परिवारों से मुलाकात की।
धराली की कामेश्वरी देवी, जिन्होंने इस आपदा में अपने जवान बेटे को खो दिया, प्रधानमंत्री से मिलते ही फूट-फूटकर रो पड़ीं। आंखों से लगातार आंसू बहते रहे और वह केवल इतना कह सकीं कि आपदा ने उनका सब कुछ छीन लिया। उनका कहना था कि परिवार का रोजगार तो गया ही, बेटे आकाश की मौत ने जीवन को वीरान कर दिया।
गांव की ग्राम प्रधान अजय नेगी, बीडीसी सदस्य सुशील पंवार और महिला मंगल दल अध्यक्ष सुनीता देवी भी प्रधानमंत्री से मिले। सभी ने नम आंखों और भरे गले से 5 अगस्त को आई आपदा का दर्द साझा किया। सुनीता देवी ने बताया कि उनका घर, होमस्टे और बगीचे पलभर में तबाह हो गए। सुशील पंवार ने अपने छोटे भाई और उसके पूरे परिवार को खोने का दर्द साझा किया। अजय नेगी ने भी बताया कि उन्होंने अपने चचेरे भाई समेत कई लोगों को खोया है।
प्रधान अजय नेगी ने प्रधानमंत्री को विस्तृत रिपोर्ट सौंपी और पुनर्वास, रोजगार की बहाली और कृषि ऋण माफी की मांग रखी। उन्होंने कहा कि गांव का भविष्य अंधेरे में है और सरकार से तत्काल मदद जरूरी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रभावितों को आश्वासन दिया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर पुनर्वास और रोजगार बहाली के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा प्रभावित परिवार को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा। इस मुलाकात ने साफ कर दिया कि 5 अगस्त की आपदा ने केवल संपत्ति ही नहीं, बल्कि लोगों के जीवन और दिलों पर गहरे जख्म छोड़े हैं। प्रभावित ग्रामीणों की भावनाओं ने प्रधानमंत्री को भी गहराई से प्रभावित किया।